99 करोड़ जैन मुनिराजों की निर्वाण स्थली रही सिद्धक्षेत्र मांगीतुंगी में जैन धर्म के पहले तीर्थकर भगवान ऋषभदेव की भव्य, मनोहारी 108 फुट ऊंची खड़गासन प्रतिमा बनाने का कार्य लगभग पूर्ण होने को है। यह भी चमत्कार ही है कि एक ही पत्थर से इस विशाल प्रतिमा का निर्माण हो रहा है। इस प्रतिमा का पंचकल्याणक आर्यिका शिरोमणि ज्ञानमती माता जी के सानिध्य में 11 फरवरी से 17 फरवरी, 2016 को होने जा रहा है। प्रतिमा स्थापित हो जाने के बाद मांगीतुंगी ऐसा सिद्धक्षेत्र हो जाएगा, जहां विश्व की सबसे बड़ी जैन प्रतिमा होगी।