जैन मुनिश्री तरुण सागर के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट मामले में संगीतकार विशाल ददलानी को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से मना कर दिया है। कोर्ट से विशाल ददलानी की याचिका पर सुनवाई करने से भी इनकार कर दिया साथ ही कोर्ट ने विशाल के खिलाफ दायर एफआईआर को रदद करने से भी मना कर दिया है। ज्ञातव्य हो कि जैन मुनिश्री तरुण सागर जी चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा में प्रवचन देने गये थे। इसके बाद विशाल ददलानी ने अपमानजनक ट्वीट किया, जिससे एक बड़ा विवाद पैदा हो गया था और सोशल मीडिया सहित न्यूज चैनलों पर विशाल को इसका विरोध झेलना पड़ा था।
विशाल की तरफ से वकील करुणा नंदी ने गिरफ्तारी के संरक्षण का अनुरोध करते हुए कहा कि अगर प्राथमिकी रदद नहीं होती है तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। विशाल के वकील ने यह भी अनुरोध किया कि जब तक विशाल उच्च न्यायालय जाते हैं तब तक उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण दे दिया जाए। कोर्ट की पीठ ने इस आग्रह को नहीं माना और राहत के लिए उच्च न्यायालय जाने को कहा। बता दें कि अपमानजनक ट्वीट के बाद अम्बाला पुलिस ने विशाल के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी में कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला का भी नाम दर्ज है।
पुलिस के अनुसार इन दोनों के खिलाफ अम्बाला में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें धारा 153ए, (समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), धारा 295ए (जानबूझ कर धर्म को बदनाम करना या धार्मिक विश्वास को ठेस पहुंचाना) तथा धारा 509 (शब्द या भाव भंगिमा से नारी की मर्यादा का अपमान करना) थीं। मामला दर्ज कराने वाले अम्बाला निवासी पुनीत अरोड़ा, जो मुनिश्री के भक्त बताये जाते हैं।