विकासनगर पंचकल्याण में गर्भ कल्याणक की मनोहारी प्रस्तुति


उत्तराखंड के विकासनगर में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन गर्भ कल्याणक की सम्पूर्ण क्रियाएं सम्पन्न की गई। मंच पर भगवान के अवतरण को नाटक एवं गीत-नृत्यों के माध्यम से मनोहारी प्रस्तुति की गई। गर्भ कल्याण की शुरूआत आराधना मंत्र के साथ हुई धार्मिक क्रियाओं से हुई। दोपहर को याज्ञ मंडल विधान किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में इंद्र-इंद्राणियों ने भाग लिया। इस अवसर पर जैन मुनि आचार्यश्री ज्ञान सागर जी महाराज ने कहा कि आज कौशल्या जैसी माता एवं राम जैसे पुत्र को समाज को जरूरत है। संसार का सबसे खूबसूरत शब्द मां है। भारतीय संस्कृति में मां का विशेष महत्व है। नैतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक परिवार में खुशहाली स्वत: आती है।

रात्रि में भोपाल से पधारे संगीतकार ऋषि एंड पार्टी ने संगीतमय आरती एवं भजन प्रस्तुत किये। उसके बाद रात्रि 08.00 बजे से गर्भ कल्याणक के अंतर्गत इंद्र दरबार का नाटकीय मंचन हुआ, जिसमें धर्म पर तत्व चर्चा हुई। भगवान के गर्भ में आने का आभास होने पर कुबेर द्वारा रत्नवृष्टि की गई। भगवान की माता मरुदेवी की सेवा में रत अष्टकुमारियां और छप्पन कुमारियां लगी रहती हैं। माता को 16 स्वपनों का दर्शन होता है। इसी तरह गीत, नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस दौरान कृष्णलाल जैन, अनिल जैन, डा. विजय जैन, राज कुमार जैन, आशीष जैन, हरीश चंद्र जैन, प्रेमचंद्र जैन, विपिन जैन, अरविंद जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद थे।


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