टोंक। श्री दिगंबर जैन नसिया अमीरगंज में सोमवार को परम पूज्या भारत गौरव गणिनी आर्यिकाश्री 105 विशुद्धमति माताजी की परम सुयोग्या शिष्या परम पूज्या वागीश्वरी आर्यिकाश्री 105 विज्ञमती माताजी ने अपने उत्कृष्ट वचनों के माध्यम से बताया कि हम सभी के अन्दर “सिद्ध” बनने की शक्ति है बस इस शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है, अपने बोध को जागृत करने की आवश्यकता है, क्योंकि जो गन्दा है धोया वो ही जायेगा, जो बंधा हुआ है खोला उसे ही जायेगा, जो भूखा है भोजन वो ही करेगा, जिसकी शादी नहीं हुई उसी की शादी होगी, इसलिए जब तक हम बंधे हुए है हम सोचे कि स्वतन्त्र है और जब हम बंधे नहीं होंगे तो मोक्ष किसको होगा, खुले हो तो फिर खुले ही रहोगे।
अपनी शक्ति अपनी स्वरूप चाहे वो कुन्दकुन्द स्वामी हो चाहे उमास्वामी हो, उन्होंने जो कुछ भी कहा है वो भगवान महावीर स्वामी की दिव्यध्वनि के अनुसार ही कहा है मनगढ़ंत कुछ भी नहीं है, उन्होंने जो कुछ भी कहा चाहे श्रावक के लिए कहा या साधु के लिए कहा, अगर आपके छठ आवश्यकों के उपदेश में कुन्दकुन्द स्वामी ने दो आवश्यकों में निहित किया है दान और पूजा, तो अन्य आवश्यक स्वयमेव खत्म नहीं हुए, दान पूजा से विशुद्धिकरण खत्म नहीं हुआ परन्तु हमने Short रूप पकड़ लिया खाओ, पीओ और मोक्ष हो जाये, इससे बढ़िया काम क्या है, उन्होंने उनकी भी श्रंखलाएं दी है, तो उन्होंने कहा है कि निर्जल उपवास नहीं कर सकते तो मत करो, उन्होंने अष्टान्हिका महाव्रत जिसमें रोज खाओ और सेकड़ो उपवासों का फल मिल गया, इतना हम पूरी जिंदगी में नहीं कर सकते परन्तु इसके साथ भी हमें परम् विशुद्धि की आवश्यकता है, कल हमने देखा कि कोई भैया धोती दुपट्टा पहने झटपट-झटपट आ रहे थे उन्होंने आते ही नल के नीचे पैर धोये मुझे पता नहीं उसपर छन्ना लगा है कि नहीं पर हमने क्या किया, अनछने पानी से पैर धोकर अभिषेक करने चले गए.. एक बूँद पानी में वैज्ञानिकों ने आज से कई वर्ष पूर्व 36450 जीव बताये परन्तु केवलज्ञानीयों की दृष्टि नें पानी की एक बूँद में असँख्यात जीव बताये हैविचार करना छोटी छोटी बातें ही बहुत बड़ी हो जाती है, कहा गया है कि घुटनों के बल चलते चलते पाँव खड़े हो जाते है, छोटे छोटे नियम एक दिन बहुत बड़े हो जाते है, इसलिए हमें अपने संकल्पों को प्रशस्त बनाना चाहिए, *अपनी सोच को सकारात्मक बनाना चाहिए, उसी से हमारी सुगति, पँचमगति का मार्ग प्रशस्त होगा।
समाज के प्रवक्ता पवन कंटान एवं कमल सर्राफ ने बताया कि गुरु मां विशुद्ध मति माताजी का आगामी स्वर्ण दीक्षा महोत्सव कार्यक्रम व जेनेश्वरी दीक्षा को लेकर सभी प्रकार की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारियां गुरु मां विशुद्ध मति माताजी के निर्देशन मेंअलग-अलग बाटी जा रही है जिसमें भोजन व्यवस्था ,पांडाल व्यवस्था ,मंच व्यवस्था आवास व्यवस्था की अलग-अलग जिम्मेदारियां युवा मंडल को दी जा रही है इस कार्यक्रम में 20 फरवरी को सायकाल 7:00 बजे तीनों दीक्षार्थियों की भव्य बिंदोरी निकाली जाएगी जो मुख्य बाजार बड़ा कुआं, काफिला बाजार, घंटाघर होते हुए वापस जैन नसिया आएगी जिसमें मुख्य शाही लवाजमा जयपुर एवं तीन बैंड बाजों जिसमें मुख्य कृष्णा बैंड किशनगढ़ का होगा व गाजे-बाजे के साथ होगी साथ में तीनों दीक्षार्थियों बैठने के लिए बग्गी की व्यवस्था होगी इस भव्य बिंदोरी में समाज के द्वारा जगह-जगह आरती एवं गोद भराई का कार्यक्रम होगा इसी कड़ी में जिनधर्म प्रभावना समिति एवं आदिनाथ परिमार्जन समिति की तरफ से गोद भराई एवं स्वागत का कार्यक्रम होगा
— अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमण्डी