उदयपुर के मोहली चोहट्टा-बदनोर हवेली के श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से शुक्रवार रात अष्टधातु की चौबीस भगवान की पांच सौ वर्ष पुरानी प्रतिमा सहित 15 अन्य मूर्तियों की चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। दुलर्भ मूर्तियों में से 9 अष्टधातु की थी, जो लभगभ 200-300 वर्ष पुरानी थी। चोरी की घटना के बाद पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस के आला अफसरों ने मंदिर का मौका-मुआयना तो किया किंतु आरोपियों को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि मामले को इसलिए दबाये रखा क्योंकि राज्य की मुख्यमंत्री उदयपुर प्रवास पर थी। मुख्यमंत्री के जाने के बाद घंटाघरथाना पुलिस स्टेशन में ट्रस्टी की रिपोर्ट मामला दर्ज किया गया। ट्रस्टी हंसमुख मिंडा ने बताया कि मंदिर के पुजारी भंवरलाल शर्मा प्रात: 06.00 बजे मंदिर में घुसे तो उन्हें आहते में एक बांस दिखायी दिया और मुख्य मंदिर द्वारा का टूटा ताला कई चीजें अस्त-व्यस्त देखी। चोरी का पता लगते ही पुजारी ने ट्रस्ट्री महेंद्र जैन, जनक राज जैन एवं अन्य को चोरी की सूचना दी। जांच में पता चला कि चोर एक बांस के सहारे मंदिर में कूदे और घटना को अंजाम देकर छत से कूद कर माग निकले। चोरी गयी मूर्तियों में चौबीस भगवान, महावीर भगवान, पंचपरमेष्ठी, चंद्रप्रभु, नेमीनाथ, आनिाथ की एक-एक प्रतिमा, शांतिनाथ, पद्मावती की दो-दो, पाश्र्वनाथ की तीन एवं अन्य तीन प्रतिमाओं सहित चांदी के दो यंत्र, अष्टधातु की पांच यंत्र, तांबें का ऋषि मंडल, चांदी का एक बड़ा छत्र सहित चांदी के दो अन्य छत्र चोरी हुए हैं।