जबलपुर के रांझी की रहने वाली 11वीं की एक जैन छात्रा ने मनचलों से परेशान होकर खुदकुशी करने के लिए स्वयं को आग के हवाले कर दिया। पीड़ित छात्रा को 95 प्रतिशत जल चुकी अवस्था में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, मंगलवार देर रात उसने मेडिकल कालेज अस्पताल के बर्न वार्ड में अंतिम सांस ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौक पर पहुंची और छात्रा द्वारा लिखे सुसाइड नोट को जब्त कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक मनचलों के आतंक से पीड़ित जैन छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में तीन महिलाओं समेच कुल पांच लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि पूर्व में पीडित छात्रा मनचलों की गलत हरकतों की शिकायत करने पुलिस थाने पहुंची थी, किंतु पुलिस थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई और उसे वहां से वापस भेज दिया गया क्योंकि पुलिस वालों को घटना के घटित हो जाने के बाद ही हरकत में आने की आदत जो हो गयी है। यदि पुलिस वाले समय रहते उक्त मनचलों पर उचित कार्रवाई करते तो ये मासूम छात्रा आत्महत्या क्यों करती?
आदतन घटना घट जाने के बाद सक्रिय होने वाली पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया है और मुख्य आरोपी अनुराग चौधरी की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि मस्ताना चौक के निकट केवट मौहल्ला में रहने वाली छात्रा अभिलाषा जैन घर पर थी, उसके पिता आटो चलाने गये थे तभी देखा कि उसके घर में धुंआ उठता एवं छात्रा की चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी उसके घर पहुंचे तो उन्हें घटना का पता चला तथा तत्काल उसे अस्पताल पहुंचाया। पुलिस प्रभारी एस पी रोहित काशवानी ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
आत्महत्या करने वाली छात्रा के लिखे सुसाइड नोट में लिखा है कि ;- “मैं आज आत्म हत्या करने जा रही हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार अनुराग चौधरी, वरुण खन्ना, आशा खन्ना, तनवी केवट एवं ममता केवट हैं। इन लोगों में मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है। मेरा घर से निकलता मुश्किल कर दिया है। मेरे घर के चारों तरफ ये लड़के घूमते रहते हैं। मैं रांझी थाने में शिकायत करने गई तो मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई। मेरी वजह से मेरी बहनों की जिंदगी बर्बाद न हो इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रही हूं। सारी पापा मुझे माफ कर देना।“