युवा दम्पति “जैन एकता” की मिसाल बने: इन्दु-राकेश के 18 दिवसीय जल उपवास निर्विघ्न सम्पन्न


“दिगम्बर-श्वेताम्बर नहीं,जैन हैं हम एक,
18 दिनों के पर्युषण मनाने से मिटेंगे सारे भेद ।”

श्वेतांबर-दिगम्बर का भेद न करते हुए विगत कई वर्षों से निरंतर 18 दिवसीय जल उपवास करके पर्युषण महापर्व मना रहे युवा दंपति दिल्ली निवासी श्री राकेश जैन एवं डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव के इस वर्ष भी पर्युषण(8) एवं दशलक्षण(10) अर्थात् 18 दिवसीय जल उपवास निर्विघ्न सम्पन्न हुए और इस युवा दंपति ने “जैन एकता” की मिसाल कायम की ।

डॉ. इन्दु जैन एवं श्री राकेश जैन जी दोनों मूल दिगम्बर परम्परा के हैं और उन्होंने पूरे विश्व की जैन समाज से ये निवेदन किया है कि पर्युषण महापर्व आठ और दस दिनों के अलग-अलग न मनाकर ,पूरे अठारह दिनों तक अपने आम्नाय के अनुसार वैसे ही उत्साह के साथ व्रत,संयम,उपवास,पूजा-आराधना करके मनाएं और क्षमावाणी पर्व के लिए भी एक तिथि निश्चित करें और पूरे विश्व में एक साथ मनाएं ताकि उत्तम क्षमा और जैन एकता का संदेश पूरे विश्व में पहुँचे ।


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