झुमरीतिलैया। इस भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों में जब लोग घर से नहीं निकलते हैं ऐसे समय में जैन संत आजीवन नंगे पांव से पैदल चलकर पूरे भारतवर्ष में धर्म की गंगा फैलाने और आत्म कल्याण का कार्य करते हैं, सोमवार को जैन धर्म के प्रसिद्ध आचार्य पुष्पदंत सागर के परम शिष्य आचार्य 108 श्री प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश धर्म नगरी झुमरी तिलैया में हुआ, आचार्य 108 श्री प्रमुख सागर जी महाराज के झुमरीतिलैया आगमन पर लोगों में बहुत ही उत्साह और खुशी थी श्रद्धालु भक्त महिलाएं, पुरुष, बच्चे कोडरमा पहुंच गए और उनके साथ पैदल चलकर झुमरीतिलैया आए।
आचार्य श्री ससंघ वाराणसी से विहार करते हुवे राजगीर पावापुरी होते हुवे यहाँ मंगल आगमन हुआ, रांची पटना रोड चांडक कांपलेक्स के पास भक्तों ने उनके चरण धोए और उनकी आरती की, भक्तों के साथ गुरुदेव नगर भ्रमण करते हुए नगर स्टेशन रोड बड़ा मंदिर का दर्शन करते हुए ओवरब्रिज होते हुए पानी टंकी रोड जैन मंदिर पहुंचे, महाराज श्री के साथ चल रहे भक्तों का स्वागत समाज के अध्यक्ष प्रदीप जैन पांड्या मंत्री ललित सेठी ने किया । तत्पश्चात जैन संत आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर का मंगल उदबोधन हुआ आचार्य श्री ने कहा कि कोडरमा का नाम बहुत सुना था आज देखने को मिला, यहां के लोगों में धर्म के प्रति बहुत श्रद्धा है , लोग गुरु के प्रति पूर्ण समर्पित है।
निवर्तमान पार्षद पिंकी जैन ने कहा कि कोडरमा जिले का सौभाग्य है कि यहां की धरती पर हमेशा जैन संतों का आगमन होते रहता है, गुरुदेव के अमृतवाणी, आशीर्वाद, और सत्संग के माध्यम से यहां के वातावरण में हमेशा शांति और भाईचारे का माहौल रहता है इसके पश्चात आचार्य श्री की आहार चर्या झांझरी निवास एवं भक्तों के यहाँ हुई । मौके पर जैन समाज के पदाधिकारी गण, महिला समाज के पदाधिकारी गण ,जैन युवक समिति के पदाधिकारी गण एवं सैकड़ों श्रद्धालु भक्त मौजूद थे, उक्त जानकारी कोडरमा मीडिया प्रभारी राज कुमार जैन अजमेरा,नवीन जैन ने दी।