झुमरी तिलैया (कोडरमा)। पानी टंकी रोड स्थित दिगंबर जैन नया मंदिर जी में अपने चातुर्मास प्रवास मे जैन संत महामुनी 108 श्री विशल्य सागर गुरुदेव ने आज अपने सारगर्भित प्रवचन में कहा कि संसार सुख दुख का खेल है, विपरीत परिस्थिति में जो घबराता नहीं है संयम रखता है वही सफल होता है। जीवन को अच्छा बनाने के लिए प्रयास और प्यास जरूरी है यदि प्यास नहीं लगा हो तो पानी की कीमत समझ नहीं आती है।
अपने जीवन से अशुद्धियों और बुराइयों को हटाना जरूरी है प्रशस्त में पहुंचने के लिए प्यास की आवश्यकता है। धर्म रूपी अमृत को पीने वाला ही सच्चा श्रावक होता है। जीवन को सुखमय बनाने के लिए लोभ का त्याग जरूरी है। मनुष्य के साथ कुछ नहीं जाता है उसने जो कर्म किया है वही साथ जाता है। संसार के रोग अच्छे नहीं हैं हमें हमेशा के लिए स्वस्थ होना है और इसके लिए तीर्थंकर की देशना और जिनवाणी की शरण में जाना होगा।
प्रातः दीप प्रज्वलन का सौभाग्य विनोद कुमार, सुनील,मुकेश,राज कुमार,अर्हम अजमेरा आशा गंगवाल (बंटी),मिहिर जैन,(गुवाहाटी)परिवार को मिला। सभी ने मिलकर गुरुदेव के चरण का पाद प्रक्षालन किया और शास्त्र भेंट किया। मंगलाचरण, आशा गंगवाल और आशा अजमेरा ने किया। बैंगलोर से अशोक-मंजू अजमेरा, पुनीत-नूपुर अजमेरा, गांधीधाम से सुमित-नेहा अजमेरा, कोलकोत्ता से विभोर-रुचिका सेठी, बाराबंकी से धीरज-शिम्पी सेठी, ने अपनी अनुमोदना प्रकट की। ओर भिण्ड से आये गुरु भक्तों ने श्री फल चढ़ाया ओर समाज ने स्वागत किया। मौके पर समाज के मंत्री ललित सेठी,चातुर्मास संयोजक सुरेन्द काला, राजेश-सुनीता सेठी,रजनी जैन,शशि-रीता सेठी आदि सैकड़ों भक्तजन मीडिया प्रभारी नवीन जैन राजकुमार अजमेरा मौजूद थे।