आज पू. सम्मेदशिखर माताजी के त्यागी आश्रम में प्रातः 9:00 बजे प्रवचन हुए। माताजी ने अपने प्रवचनों के माध्यम से बताया कि अहंकार से कभी मुक्ति प्राप्त नहीं हो सकती। अहंकार से रावण नरक गया तथा शिवभूति मुनि को 12 साल नवकार मंत्र का पाठ याद नहीं हुआ और जब मान का मर्दन हुआ तो दाल धोती हुई महिला को देखकर सम्यक दर्शन हो गया और मोक्ष की प्राप्ति हुई इसलिए अहंकार छोड़ना चाहिए। जैन समाज के मीडिया प्रभारी डीके जैन मित्तल ने बताया की प्रातः 8:00 बजे श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कोट ऊपर कामां पर सुपार्श्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाया गया इस अवसर पर अध्यक्ष महावीर प्रसाद जैन लहसरिया, अनिल जैन, पदमचंद जैन, गौरव निक्की जैन आदि मौजूद थे।