भागलपुर के नाथनगर स्थित विश्व प्रसिद्ध जैन मंदिर में स्थापित पूर्वाचल की सबसे ऊंची (31 फीट) भगवान वासपूज्य की प्रतिमा का आधार दरक (खिसक से संकट की आशंका गहरा गई है। जैन मंदिर परिसर के सामने जलनिकासी की व्यवस्था नगर निगम द्वारा पिछले डेढ़ साल से नहीं किये जाने का ये दुष्परिणाम है। बता दें कि भागलपुर भगवान वासुपूज्य की जन्मभूमि है। इसलिए यहां पूजा-अर्चना करने सारे वि से श्रद्धालुगण का आना-जाना लगा रहता है। जैन मंदिर के सामने मुख्य रोड पर पिछले काफी समय से स्थायीतौर से जलभराव की समस्या बनी हुई है और मंदिर एवं मौहल्ले से निकलने वाला पानी इसी रोड पर आता है और पानी का निकासी बंद है।
पिछले कई महीनों से स्थिति यह है कि पानी सड़क पर ओवरफ्लो हो जाने के कारण भगवान वासुपूज्य की प्रतिमा से सटे पीछे की ओर आर-पार दरार हो गई है। आधार पर भी विभिन्न जगहों पर छोटे-छोटे धसांन होने लगा है और जगह-जगह टाइल्स धंस गई है। इससे प्रतिमा कर खतरा साफ नजर आ रहा है। वासुपूज्य की प्रतिमा के पीछे छल्लिका मर्यादामति माताजी की समाधि है। यहां पूजा-अचर्ना हेतु जाने के लिए हालत ये है कि मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए चौकियों की व्यवस्था की है। लगातार जल भराव से मंदिर की बाहरी दीवार झुक चुकी है और दक्षिणी दीवार गिर चुकी है। मंदिर के वास्तु एवं स्थिति को देखकर हम सभी चिंतित हैं। देखना है कि जैन धर्म के 12वें तीर्थकर भगवान वासुपूज्य की जन्मस्थली पर बने इस मंदिर की जर्जरता को प्रदेश सरकार का ध्यान कब तक जाता है।