बिहार की राजधानी पटना शहर में सकल दिगम्बर जैन समाज (पटना) की ओर से श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन चल रहा है।
भव्य सुन्दर, आकर्षित मंदिर जी के प्रांगण में नित्य अभिषेक, शांतिधारा के बाद जैन श्रद्धालु संगीतमय वातावरण के बीच धूमधाम के साथ इस महाविधान का आयोजन कर रहे है। इस विधान के दौरान मौजूद भैया जी ने श्रद्धालुओं को जीवन मार्ग भी बताया उन्होंने कहा कि किसी से भी मिलने पर हम जितना बार “जय जिनेन्द्र” बोलेंगे उतना ही बार हमारे मुख से “जिन” शब्द का उच्चारण होता है और इससे हमारा जीवन उद्धार भी होगा।
बताया गया कि जैन परंपरा में पूजा, उपासना का विशेष महत्व है, इनमे से सिद्धचक्र महामंडल विधान की और भी अधिक महिमा है, यह एक ऐसा अनुष्ठान है जो हमारी जीवन के समस्त पाप-ताप और संताप को नष्ट कर देता है, ‘सिद्ध’ शब्द का अर्थ है कृत्य-कृत्य, ‘चक्र’ का अर्थ है समूह और ‘मंडल’ का अर्थ एक प्रकार के वृताकार यंत्र से है, इनमे अनेक प्रकार के मंत्र व बीजाक्षरों की स्थापना की जाती है, मंत्र शास्त्र के अनुसार इसमें अनेक प्रकार की दिव्य शक्तियां प्रकट हो जाती है, सिद्धचक्र महामंडल विधान समस्त सिद्ध समूह की आराधना मंडल की साक्षी में की जाती है,
जो हमारे समस्त मनोरथों को पूर्ण करती है, पुराणों के अनुसार मैना सुंदरी ने इसी सिद्धचक्र महामंडल विधान के आयोजन से अपने पति श्रीपाल को कामदेव जैसा सुन्दर बना दिया। सिद्धो की यह विशेष आराधना के लिए सिद्धचक्र महामंडल विधान किया जाता है।
भैया जी के मधुर वाणी और संगीतकार ने अपने मधुर स्वर में श्रद्धालुओं को खूब झूमाया।
संध्या में मंगल आरती, भजन, स्वाध्याय, धर्म चर्चा आदि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।
इस कार्यक्रम को लेकर विशेष तौर पर श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, काँग्रेस मैदान, पटना में भारी संख्या जैन श्रद्धालु पहुँच रहे है और शामिल होकर धर्मलाभ प्राप्त कर रहे है।
- प्रवीण जैन