करहल रोड स्थित उपवन मंदिर में सोमवार को श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का शुभारंभ हुआ। इस दौरान सुबह घटयात्रा, इंद्र स्थापना एवं ध्वजारोहण हुआ। इसके बाद अभिषेक और शांतिधारा विधान का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे।
सोमवार से करहल रोड स्थित श्रीपार्श्वनाथ दिगंबर जैन उपवन मंदिर में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का शुभारंभ हुआ। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सबसे पहले घटयात्रा निकाली गई। यह घटयात्रा महावीर जिनालय बिसाखाना से शुरू हुई। इसमें छप्पन कुमारियों के अलावा सभी इंद्र व इंद्राणी चल रहे थे। इसमें यज्ञनायक, सौधर्म इंद्र, कुबेर इंद्र, सनतकुमार इंद्र, माहेंद्र इंद्र, ब्रह्म इंद्र व इंद्राणी हाथों में मंगल कलश लेकर चल रहे थे। सभी ने केसरिया रंग के वस्त्र धारण किए हुए थे। यह घटयात्रा पार्श्वनाथ मंदिर लोहाई पहुंची। वहां पर प्रतिष्ठाचार्य पंडित सनत कुमार, विनोद कुमार जैन ने भगवान पार्श्वनाथ के जिनबिम्ब को स्वर्ण जड़ित पालकी में बैठाया।
इसके बाद सभी इंद्र इंद्राणी भगवान पार्श्वनाथ के जिनबिम्ब को लेकर नृत्य करते हुए वापस उपवन मंदिर पहुंचे। वहां मंदिर प्रांगण में ध्वजारोहण वीरेंद्र कुमार जैन एवं उनके परिवारीजनों ने किया। कार्यक्रम पंडाल का उद्घाटन चेयरमैन साधना गुप्ता ने, मंच का उद्घाटन संजय लोहिया ने किया।
इसके बाद पंडित कमल कुमार जैन और सभी इंद्र व इंद्राणियों ने आचार्यों को निमंत्रण दिया। प्रतिष्ठाचार्य ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए मंडप शुद्धिकरण कर सभी इंद्राणियों और छप्पन कुमारियों के मंगल कलश जल से कराया। सभी इंद्रों की प्रतिष्ठा कराई गई। इसके बाद पंडित प्रकाश चंद्र जैन, शिवचरण लाल जैन, डाक्टर सुशीलचंद्र जैन को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अमित सागर महाराज के चित्र का अनावरण दिनेश चंद्र जैन ने किया। इसके बाद भगवान पार्श्वनाथ की शांतिधारा आनंद मोहन जैन ने सपरिवार की। सिद्धांत स्थापना हिमांशु जैन ने की। संतोष कुमार ने भजन सुनाए।
इस मौके पर कमल कुमार जैन, विमल कुमार जैन, रमेश चंद्र जैन, सम्यक जैन, संभव जैन मौजूद थे। देर शाम को उपवन मंदिर में संगीत मय आरती और बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
- Amar Ujala