अभी हाल ही में गुजरात के 12वीं बोर्ड में अब्बल स्थान हासिल करने वाले अहमदाबाद के शिक्षार्थी वर्शिल शाह आज भिक्षु बन गये। भिक्षु बनने से पूर्व वर्शिल ने वे सारी प्रक्रियाएं और विधि पूर्ण की जो एक भिक्षु बनते समय करनी पड़ती है। आज से वर्शिल शुद्ध, सादा जीवन जिएंगे। ज्ञात हो कि हाल ही में 12वीं बोर्ड की परीक्षा में विज्ञान में 99.99 अंक हासिल कर अब्बल दर्जा प्राप्त किया और इसके बदले उन्होंने अपने माता-पिता से ऐसी मांग की वे हैरान रह गये। दरअसल वर्शिल ने मांग की कि वह भौतिकतावादी संसार को त्याग सन्यासी जीवन व्यतीत करना चाहता है।
वर्शिल के पिता ने कहा कि उनका पूरा परिवार शुरू से ही आध्यात्मिकता से जुड़ा रहा है और बेटे के इस फैसले से वे काफी खुश हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि स्कूल की छटिटयों में वर्शिल कहीं अन्य घूमने के बजाय सत्संग में जाना पसंद करता था। वर्शिल का पूरा परिवार जैन धर्म का सच्चे अथों में अनुयायी है क्योंकि उनके घर में बिजली के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध है। उनका मानना है कि बिजली पैदा करने प्रक्रिया में कई सूक्ष्म मासूम जीवों की जान चली जाती है जो कि जैन धर्म के मूल सिद्धांत अहिंसा के विपरीत है। यहां तक कि उनके घर में टीवी, फ्रिज भी नहीं है। बिजली का इस्तेमाल सिर्फ तब ही किया जाता है जब रात या पढ़ाई के समय जब बहुत आवश्यक हो।