जैन धर्म के 22वें तीर्थकर भगवान नेमिनाथ ने जूनागढ़ के गिरनार पर्वत पर तपस्या कर मोक्ष की प्राप्ति की थी। ये स्थान प्राचीन समय से ही जैन धर्माम्बलम्बियों के लिए श्रद्धा का केंद्र रहा है। यहां पूरे देश से ही नहीं देश के बाहर से भी श्रद्धालु गिरनार पर्वत की वंदना करने आते रहे हैं। यह सरकार की उदासीनता का ही उदाहरण है कि जैन श्रद्धालुओं को भगवान नेमिनाथ की तपोस्थली पर मोक्ष कल्याण दिवस पर लाडू तक नहीं चढ़ाने दिया गया। गिरनार पर्वत की वंदना करने से पूर्व ही तैनात पुलिस ने श्रद्धालुओं से लाडू और द्रव्य न केवल नीचे ही रखवा लिए बल्कि पांचवी टोंक पर एक बच्चे ने नेमिनाथ भगवान की जयकार लगाया तो उसके साथ पुलिस वाले ने दुव्यर्वहार किया।
पुरातन समय से जैन धर्माम्बलम्बियों की श्रद्धा का पर्वत गिरनार को बचाने और राज्य सरकार के उदासीन व्यवहार के चलते गिरनार बचाओं आंदोलन का आह्वान दिनांक 11 सितम्बर, 2018 को प्रात: 11.00 बजे जंतर मंतर पर करने का निर्णय लिया गया है। भारतवर्षीय श्री दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल सेठी एवं जैन राजनैतिक चेतना मंच के उपाध्यक्ष रविंद्र काला ने जैन समाज के लोगों से अधिक से अधिक संख्या में जंतर-मंतर पहुंचने की अपील की है ताकि सरकार और राज्य सरकार पर गिरनार पर्वत पर जैनों के हक के साथ श्रद्धालुओं के साथ हो रही अभद्रता/अपमान करने वालों पर कड़ाई से रोक लगाई जा सके।