गुड़ामालानी, 22 नवम्बर 2017। गुड़ामालानी नगर में सुखसागर संयम वाटिका में जैनाचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वर महाराज की निश्रा व मुनिराज कमलप्रभसागर, साध्वी सुरंजना श्री, भव्यगुणा श्री साध्वी प्रगुणाश्री, के सान्निध्य में आयोजित होने जा रही मुमुक्षु निकिता बोहरा की ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव के आगाज के साथ ही दूसरे दिन बुधवार को धर्मधरा गुड़ामालानी नगर पर मुमुक्षु बहन निकिता बोहरा का भव्यातिभव्य ऐतिहासिक वर्षीदान रथयात्रा का आयोजन किया गया।
श्री विचक्षण दीक्षा महोत्सव समिति के अध्यक्ष बाबूलाल बोथरा व उपाध्यक्ष शंकरलाल संखलेचा ने बताया कि मुमुक्षु निकिता बोहरा के दीक्षा निमित आयोजित दीक्षा संवेगरंगोत्सव के तहत् बुधवार को मुमुक्षु निकिता बोहरा की भव्यातिभव्य वर्षीदान रथयात्रा स्थानीय बाड़मेर भवन से प्रारम्भ हुई।
*इन मार्गों से गुजरी रथयात्रा, जगह-जगह हुआ मुमुक्षुओं का स्वागत-* श्री विचक्षण दीक्षा महोत्सव समिति के प्रचार प्रमुख सुरेश कुमार पारख ने बताया कि रथयात्रा स्थानीय बाड़मेर भवन से प्रारम्भ होकर सदर बाजार, उदाणियों का वास, अस्पताल रोड, दादावाड़ी, राणा प्रताप बाजार, स्टेशन रोड, हनुमान चाैक, जैन मौहल्ला से होते हुए सुखसागर संयम वाटिका में पहुंचा जहां पर आचार्य भगवंत की मांगलिक के साथ रथयात्रा का समापन किया गया।
ये रहे रथयात्रा के मुख्य आकर्षण-
श्री पार्श्व मंडल के अध्यक्ष मदनलाल मालू ने बताया कि रथयात्रा में सबसे आगे जैन ध्वज, ढोल पार्टी, हाथी, ऊंट व घोड़े पर सवारों के हाथ में लहराती धर्म ध्वजाएं, अष्ट मंगल, जलधारा, परमात्मा का रथ, दादा गुरूदेव का रथ, न्यू अशोका बैंड के मंगल ध्वनियों का वादन करते बैण्ड वादक, कच्छी घोड़ी नृत्य करते कलाकार, नगाड़ा वादक, और आचार्य भगवंत की धवलसेना, व उनके पीछे-पीछे चलते गुरू महिमा का गुणगान करते, जिनशासन की जय-जयकार करते भक्तजन, साध्वी भगवंत, सिर पर मंगल कलश धारण किये रंग-बिरंगे पोशाक में चल रही विभिन्न महिला मंडल की महिलाएं, बालिकाएं उसमें पीछे दीक्षार्थी अमर रहो, जा संयम पन्थे दीक्षार्थी तारो पंथ सदा उजमाल बने के नारों के साथ दीक्षार्थी के दीक्षा उपकरणों की छाब लिए चलते परिवारजन, निकिता बोहरा का रथ सहित मारवाड़ की आन-बान-शान साफा पहने सैकड़ों श्रावक व शोभायात्रा के ऊपर हैलीकाॅप्टर के माध्यम से पुष्पवृष्टि इस रथयात्रा के मुख्य आकर्षण रहे। वहीं नगर में जिन मार्गों से रथयात्रा गुजरी वहां गुरू भगवंतों व मुमुक्षु निकिता का भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। रथयात्रा में बैंड की धुन एवं ढ़ोल की थाप पर गुरूभक्त युवा वर्ग जगह-जगह पर झूमते नजर आये। तथा गुड़ामालानी नगर का माहौल अद्भूत नजर रहा था। श्रद्धालुओं के जनसैलाब से कस्बे की सड़के संकड़ी नजर आ रही थी। तथा हर किसी व्यक्ति के जुबान से मुमुक्षु के लिए यही शब्द निकले रहे थे कि जा संयम पंथे दीक्षार्थी तारो पंथ सदा उजमाल बने। रथयात्रा में बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने बढ़चढ़कर भाग लिया तथा इस रथयात्रा को एक ऐतिहासिक रूप दिया। रथयात्रा का जगह-जगह पर श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। कस्बे की जनता इस ऐतिहासिक रथयात्रा व मुमुक्षु को निहारने के लिए हर गली के नुक्कड़ पर इंतजार कर रही थी।
*जिस संपति के पीछे दुनिया पागल है मुमुक्षु ने उस संपति को त्यागी-* रथयात्रा के पश्चात् सुखसागर संयम वाटिका मंडप में आचार्य जिनपीयूषसागर सूरि महाराज ने उपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि जिस सता-संपति-एैश्वर्य के पीछे सारी दुनिया पागल हुई भटक रही है वहीं मुमुक्षु निकिता ने उस सता-संपति-वैभव का त्यागकर संयम जीवन अंगीकार कर अपनी आत्मा मोक्षगामी बनाने का पथ अपनाया है।
मुनि सम्यकरत्न सागरजी महाराज ने कहा कि मुमुुक्षु निकिता ने संसार की असारता व क्षणभंगुरता का ज्ञान होने व इस स्वार्थमय संसार के सुखों को तिलांजलि देकर इस संयम पथ को अपनाया है। दोपहर में सिद्धचक्र महापूजन व शाम को मुमुक्षु निकिता द्वारा 108 दीपक द्वारा परमात्मा की भव्य आरती उतारी गई व उसके पश्चात मुमुक्षु की बंदौली निकाली गई।
*रूडा राजमहल ने त्यागी कार्यक्रम में फफक-फफक कर रोये श्रद्धालुगण-* ‘सुखसागर संयम वाटिका’ मंडप में रूडा राजमहल ने त्यागी आ तो चाल्या रे वैरागी कार्यक्रम का मार्मिक व हृदय स्पर्शी संवेदना के माध्यम समझाया तथा उपस्थित श्रद्धालुओं ने अपने पापों का याद करके फफक-फफक कर रो पड़े।
*मुमुक्ष निकिता का किया देशभर से आये संघों ने अभिनन्दन-* मुमुक्षु निकिता बोहरा का देशभर से आये संघों ने अभिनन्दन पत्र भेंट कर अभिनन्दन किया। तथा मुमुक्षु निकिता ने सकल संघ क्षमायाचना की तथा सकल संघ ने नम आंखों के साथ विदाई दी।
सुरेश पारख ने बताया कि मुमुक्षु निकिता के दीक्षा निमित्त आयोजित दीक्षा संवेग रंगोेत्सव अन्तर्गत तीसरे दिन गुरूवार 23 नवम्बर को प्रातः मंगल मुहूर्त में दीक्षार्थी की घर से विदाई, परमात्मा की अंतिम नवांगी पूजा, व प्रातः 9 बजे महाभिनिष्क्रमण यात्रा के साथ ही दीक्षा का मंगल विधान प्रारम्भ होगा, दोपहर में दादा गुरूदेव की पूजा एवं सांय शुभ मुहूर्त में नूतन साध्वी का प्रथम विहार होगा।
दीक्षा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारतवर्ष से सूरत, अहमदाबाद, धोरीमन्ना, बाड़मेर, चौहटन, सांचौर, सिणधरी, सहित देश से विभिन्न शहरों से गुरू भक्त पधारे है।
- चन्द्रप्रकाश छाजेड़