नासिक। मांगीतुंगी पर्वत पर जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर भगवाद ऋषभदेव की 108 फुट ऊंजी विशाल मनोहारी प्रतिमा को गिनीज र्वल्ड रिकार्डस में सबसे विशाल जैन प्रतिमा के रूप में शामिल किया गया है। यह ऐसी भव्य प्रतिमा है, जिसका निर्माण एक ही पत्थर को तराशकर बनाया गया है।अभी हाल ही में इस प्रतिमा का भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सवआयोजन सम्पन्न हुआ है। पंचकल्याणक आर्यिका गणिनी ज्ञानमती माता जी के निर्देशन में पूर्ण हुआ था। मांगीतुंकी ट्रस्ट के महासचिव संजय पापदीवाल ने बताया कि गिनीज र्वल्ड बुक का प्रमाणपत्र अधिनिर्णायक स्वप्निल दांगीकर ने कल ज्ञानमती माता जी और चंदनमती माता जी को सौंपा।
आपको बता दें कि इस विशाल मूर्ति का काम वर्ष 2012 में शुरू किया गया था और इसको बनाने में 300 कलाकारों ने काम किया। अभी तक कर्नाटक स्थित श्रवणबेलगोला में 57 फुट ऊंजी भगवान बाहुवली की प्रतिमा को दुनिया की विशाल प्रतिमा की मान्यता मिली थी।