भोपाल के हबीबगंज में आचार्य श्री विद्यासागर जी ससंघ का चातुर्मास हो रहा है। इस दौरान आचार्यश्री के दर्शनों हेतु भारी संख्या में श्रद्धालुगण हबीबगंज पहुंच रहे हैं। ऐसे में हबीबगंज जैन मंदिर के सामने समाज की तरफ से चल रही भोजनशाला में आने वाले लोगों को थाली में झूठा भोजन न छोड़ने के प्रति जागिृत किया जाता है। इस भोजनशाला में ऐसा नियम लागू किया है, जिससे भोजन की वर्बादी रुक गई है। शुद्ध देसी घी से बना शुद्ध सात्विक भोजन मात्र 50/- में उपलब्ध है किंतु यदि खाने के बाद थाली में जूठन छोड़ी तो आपको 101/- का जुर्माना देना होगा। यह नियम लागू होने के बाद थाली में नाम मात्र की झूठन बच रही है। खाना खाने के बाद लोगों को अपनी थाली चेक करानी पड़ती है।
इसके बाद लोगों को भोजन के एक-एक दाने का महत्व समझाया जाता है और लोगों से भोजन थाली में न छोड़ने की अपील की जाती है। जैन समाज द्वारा चलाई जा रही भोजनशाला में कुएं के पानी का इस्तेमाल किया जाता है साथ ही साफ-सफाई के साथ शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां तक कि लोग शुद्ध वस्त्र पहनकर भोजन तैयार करते हैं। इस भोजनशाला में लगभग 1000 लोग प्रतिदिन भोजन ग्रहण कर रहे हैं। शुरू में भोजन की वर्बादी देख, भोजनशाला ने यह नियम लागू किया है तथा अब इसके सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं।