रोड पर पड़ी मिली भगवान पार्श्वनाथ की बेशकीमती मूर्ति, कुछ दिन पूर्व हुई थी जैन मंदिर से चोरी


राजस्थान के टोंक ज़िले के देवली नगर में जैन मंदिर से चोरी 1200 वर्ष पुरानी बेशकीमती भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति ग्राम के समीप कालानाड़ा रोड पर खंडित अवस्था में मिल गई है। ग्रामीण एवं जैन समाज के पारस जैन ने बताया कि भगवान की मूर्ति कासीर गांव से करीब 100 मीटर की दूरी पर मिली है। जहां खेत पर पत्थर डलवाने का काम चल रहा है। थाना क्षेत्र के कासीर गांव से 29 अगस्त रात्रि को जैन मंदिर से चोरी बेशकीमती भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति ग्राम के समीप कालानाड़ा रोड पर खंडित अवस्था में मंगलवार सुबह मिल गई। जिसको मौके पर पहुंची पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। वहीं चोरी के दर्ज मामले में चोरो की तलाश जारी है।

जैन समाज को यह मूर्ति अब न्यायालय आदेश पर वापस मिल सकेगी। थानाधिकारी भंवर लाल ने बताया कि कासीर गांव के जैन मंदिर से काले पत्थर की भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति चोरी को लेकर मामला दर्ज हुआ था। जिसको लेकर पुलिस लगातार चोरों पर नजर रख रही थी। छह दिन बाद चुराई मूर्ति कासीर ग्राम से कुछ दूरी पर कालानाड़ा रोड पर सरपंच शिवजीराम चौधरी के खेत के समीप खंडित अवस्था में पड़ी मिली है। ग्रामीणों को रास्ते में मूर्ति खंडित अवस्था में दिखाई दी, जो गर्दन से दो हिस्सों में मिली है। चोरी की घटना के छह दिन बाद ही ग्राम के समीप मूर्ति का अचानक मिलने से ग्रामीणों की आशंका है कि चोरी में गांव का ही चोर शामिल हो सकता है। मूर्ति मिलने की सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ मौके पर एकत्रित हो गई। वहीं मामले की सूचना थाना पुलिस को दी गई थी।

उल्लेखनीय बात है कि कासीर ग्राम में जैन मंदिर की वेदी में विराजमान 1200 वर्ष पुरानी बेशकीमती काले पत्थर की मूर्ति को 29 अगस्त की रात्रि को चुराकर ले गए। जिसकी ऊंचाई करीब डेढ़ फीट है। चोरों ने मूर्ति के अलावा मंदिर में अन्य किसी मूर्ति एवं सामान से कोई छेड़छाड़ तक नही किया। चोरी के दौरान जूते पहने आने से वेदी पर उनके निशान स्पष्ट अंकित नजर आए थे।जिसके आधार पर पुलिस चोरो तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। सरपंच शिवजीराम चौधरी एवं ग्रामीणों ने थानाधिकारी को चोरो को जल्द पकडकऱ खुलासा करने की मांग की है ताकि आमजन भयमुक्त रह सके।

 


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