विश्व वन्दनीय आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अहिंसा निर्मित वस्तुओ का उपयोग हो जिसको लेकर आचार्य श्री की प्रेरणा आशीष से अनेक हथकरधा केंद्र स्थापित हुए है जो आज एक पर्याय बन चुका है उसी पर रामगंजमंडी नगर के प्रणेश जैन CA जो इन्दोर मे है उन्होंने हथकरधा पर पुस्तक का लेखन किया है जो अन्तिम चरण मे है विगत 6 माह से वह इस पर कार्यरत है इस पुस्तक लेखन मे आचार्य श्री ने उन्हें कही टिप्स भी प्रदान की है वह इस हेतु सुनील भया जी का भी विशेष सहयोग रहा है यह अद्वितीय पुस्तक का प्रकाशन नवंबर माह मे पूर्ण हो जायेगा इस पुस्तक में सह लेखन में CA. दीप्ति जैन, CA अंशुल अजमेरा व डॉ अनिता जैन की भूमिका रही है
— अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी