स्वर्ण भद्रादि मुनियों की मोक्ष स्थली सिद्ध क्षेत्र पावागिरी ऊन (खरगोन) में रंगपंचमी अवसर पर विगत 12 वर्षों से धार्मिक मेले का आयोजन किया जा रहा है।
कमेटी सदस्य संजय पंचोलिया ने बताया की यहां तलहटी के मंदिर में विराजित भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा 1 हजार साल से भी ज्यादा पुरानी होकर मनोज्ञ है। इस मंदिर के दर्शन का पुण्य जीवन की सफलताओं में मील का पत्थर साबित होता है।
इस मंदिर में चित्रकला, कांच का वर्क…बस…देखते ही बनता है। यहां के भव्य मान स्तंभ की अलग ही छटा है। दर्शन, पूजन कर मन की सारी अशांति जाती रहती है।
पावागिरी मंदिर
मंदिर जी से पैदल 10 मिनट का रास्ता तय कर पहाड़ी स्थित भगवान शांतिनाथ, कुंथुनांथ और भगवान अरहनाथ जी का भव्य शिखर बन मंदिर है। यह मंदिर अत्यंत विस्मयकारी है। यहां मूर्तियों में कंपन की घटना कुछ वर्षों पहले घट चुकी है।
मंदिर जी के बाहर गगनचुंभी मान स्तंभ जिसे देखते ही स्वयं का मान चुर हो जाता है।
इसी पहाड़ी के निकट वाली पहाड़ी जिसे पंच पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। यहां जीर्णोद्धार कर छोटी छोटी श्री जी की डेरियों को व्यवस्थित किया गया है। यहां नवनिर्माण में एक नई वेदी निर्मित की गई है,जिस पर चार स्वर्ण भद्राधि सिद्ध भगवान सहित तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की विशाल मूर्तियों का पिछले बरस आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज की उपस्थिति ,निर्देशन में भव्य पंचकल्याणक महोत्सव संपन्न हुआ है। जिसका महामस्तकाभिषेक किया गया।
इस बार यहां मेले अवसर पर पूज्य माताजी के प्रवचन , मंडल विधान पूजन संगीत की स्वर लहरियों से संपन्न हुआ। आयोजन में लगभग 1500 श्रद्धालु जनों की उपस्थिति रही। चाक चौकस कार्यवस्था,भोजन ,नाश्ते की उत्तम व्यवस्था रही। विमानोत्सव में श्रद्धालुओं ने खूब भक्ति नृत्य किया।
– सनावद/ऊन से सन्मति जैन काका