श्रवणबेलगोला। 20वीं शताब्दी के प्रथम आचार्य परम पूज्य चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज (दक्षिण) की 62वी पुण्य तिथि उनके मुनि दीक्षा के शताब्दी वर्ष के अंतर्गत जन- जन की आस्था एवं श्रद्धा का तीर्थस्थल गोमतेश्वर बाहुबली श्रवणबेलगोला में वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सान्निध्य में श्रद्धा एवं भक्ति पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर आचार्य श्री वासुपूज्य सागर जी ससंघ, आचार्य श्री पंचकल्याणक सागर जी ससंघ, आचार्य चंद्र सागर जी ससंघ, मुनि श्री अमितसागर जी ससंघ सहित 84 पूज्य पिच्छीधारी संत भी मंच पर विराजमान रहे।
श्रीक्षेत्र के भट्टारक कर्मयोगी चरुकीर्ति जी स्वामी जी की उपस्थिति में सर्व प्रथम चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया गया। इस अवसर पर गणमान्य अतिथियों , अनेक महिलामण्डलों द्वारा आचार्यश्री की संगीतमयी पूजन की गई।
आचार्यप्रवर शांतिसागर जी महाराज का मुनिराजों, आर्यिका माताजी ने स्मरण करते हुए श्रद्धा सुमन समर्पित किये। इस अवसर पर आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज ने आचार्यश्री का पुण्यस्मरण करते हुए कहा कि उनकी महती कृपा से ही आज हमें श्रमण परंपरा के दर्शन हो रहे हैं। वे महान संत थे, उनकी त्याग, तपस्या से जन-जन भली भांति सुपरिचित है।
इस अवसर पर अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद के अध्यक्ष डॉ श्रेयांस जैन बड़ौत एवं महामंत्री ब्र. जय कुमार निशांत टीकमगढ़ ने भी आचार्यश्री के महान उपकारों का स्मरण करते हुए कहा कि आज हमें सम्पूर्ण भारतवर्ष में पूज्य मुनिराजों के दर्शन सहज उपलब्ध हो रहे हैं वह सब उनकी देन है। वे निर्दोष चर्या के धनी महान संत थे।कार्यक्रम का संचालन राजेश शास्त्री श्रवणबेलगोला ने किया।
प्रातःकाल श्रीक्षेत्र के भट्टारक कर्मयोगी चारुकीर्ति जी स्वामी के सान्निध्य में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सन 2018 में होने वाले गोमटेश्वर बाहुबली के महमस्तिकाभिषेक के पावन प्रसंग पर के पूर्व अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत सम्मेलन जो कि 1 से 5 अक्टूबर 2017 तक श्रवणबेलगोला में होने जा रहा है, जिस पर बैठक में विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर महामस्तिकाभिषेक महासमिति के महामंत्री श्री विनोद जैन मैसूर, विद्वत सम्मेलन के सर्वाध्यक्ष डॉ श्रेयांस जैन बड़ौत,सचिव ब्र. जय कुमार जी निशांत, विद्वत सम्मेलन के अध्यक्ष श्री अशोक बड़जात्या इन्दौर, सुरेंद्र बाकलीवाल इंदौर, के.सी.जैन आईएएस इंदौर, डी. के.जैन इंदौर आदि ने कई सत्र की बैठक के बाद विद्वत सम्मेलन के गरिमामयी ढंग से सम्पन्न कराने की विस्तृत रूपरेखा सुनिश्चित की।
-डॉ. सुनील जैन संचय, ललितपुर