काशीनगरी मिर्जापुर स्थित मँझवा गांव में गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज की सुशिष्या श्रमणी आर्यिका 105 विकाम्या श्री माता जी (6 पिच्छी) ससंघ के पावन प्रेरणा व मंगल सानिध्य में उत्तरप्रदेश के धन्यधरा मँझवा गांव में सकल जैन समाज के तत्वावधान में श्रुत पंचमी पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया।
ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी ‘श्रुतपंचमी’ के अवसर पर शुक्रवार को प्रातः बेला में गाजे-बाजे के साथ हर्षोल्लास पूर्वक भव्य शोभायात्रा निकाली गई , पालकी यात्रा के माध्यम से पालकी में लगी जैन तीर्थंकरों की तस्वीरे देख गांव वासी को दर्शन करने का सौभग्य प्राप्त हुआ।
शोभायात्रा के पश्चात श्री दिगम्बर जैन मंदिर में विशेष अभिषेक , शांतिधारा , देव शास्त्र गुरु पूजन , समुच्चय पूजन , आदि पूजा-पाठ सहित माँ जिनवाणी की आराधना करते हुए जैन श्रद्धालुओं द्वारा कई धार्मिक अनुष्ठान किया गया। पालकी शोभायात्रा प्रातः में स्थानीय दिगम्बर जैन मंदिर से प्रारंभ होकर नगर भ्रमण कर पुनः मंदिर जी पहुंचा , साथ ही साथ इस शोभयात्रा में आर्यिका विकाम्या श्री माता जी ससंघ भी साथ चल रही थी।
इस दौरान आदर्श नवयुवक मंडल , आदर्श बालिका मंडल , महिला मंडल अपने-अपने मंडलो के परिधानों में रंगे व माँ जिनवाणी (शास्त्र) को अपने मस्तक पर लेकर जैन श्रावक जयकारा लगाते चल रहे थे। पुरुष , महिलाएं , बच्चे सभी वर्ग जैन पंचरंगा धर्म ध्वज लहराते व भक्ति-भजन के धुन पर खूब झूमें और पूरे नगर भ्रमण के दौरान आनंद पूर्वक नृत्य किया।
शोभयात्रा में माँ जिनवाणी की सुसज्जित 24 पालकियों का दृश्य ही अद्भुत लग रहा था , मुख्य पालकी के साथ-साथ हर पालकी को अनोखे तरीके से सजाया गया था , इस विहंगम नजारा को लोग देखते ही रह गये जिसे देखने पूरा गांव उमड़ पड़ा ।
ऐसा भव्य अद्भुत दृश्य इस गांव के इतिहास में प्रथम बार देखने को मिला , जिसे देख श्रद्धालुगण खुद को अहोभाग्य माना , शोभायात्रा जिस भी जैन समाज के घर से होकर गुजर रहा था सभी ने अपने कुटिया के बाहर माँ जिनवाणी की मंगल आरती व आर्यिका श्री का पादप्रक्षालन कर पुण्यार्जन किया।
दिगम्बर जैन मंदिर में कार्यक्रम में बाद माता जी का मंगल प्रवचन हुआ , सभी श्रद्धालुओं ने माता जी की अमृतमयी वाणी को सुनकर अपना जीवन धन्य किया , आर्यिका विकाम्या श्री माता जी ने श्रुत पंचमी पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि माँ जिनवाणी की सेवा , उपासना , भक्ति करने से स्मरणशक्ति , बुद्धि , मेघा , प्रतिभा , प्रज्ञा में वृद्धि होती है।
श्रुत का ज्ञान करने से श्रुत केवली जैसे महान पद की प्राप्ति होती हैं। जिनवाणी में लिखा है हर प्राणी में प्रीति हो , वात्सल्य हो , प्रेम हो , वाणी में मिठास हो तो जीवन में मंगलमय होगा। इस मौके पर भक्तिभाव के साथ सैंकड़ो की संख्या में जैन समाज शामिल हुए।
मालूम हो कि 12 जून 2019 को इसी गांव में श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर का भव्य शिलान्यास व भूमितिलक महोत्सव आयोजित होने जा रहा है , इस गांव के सकल जैन समाज का 25 वर्षो का सपना एक भव्य नये मंदिर निर्माण का आर्यिका 105 विकाम्या श्री माता जी ससंघ के प्रेरणा व सानिध्य तथा आर्यिका श्री विगुंजन श्री माता जी के मार्गदर्शन में पूरा होने जा रहा है , स्थानीय जैन समिति आयोजन के तैयारियों में जोर-शोर से लगा है।
— प्रवीण जैन (पटना)