जैन धर्म के विचारों को आज व्यवहार में उतारने की जरूरत है : नाईक


लखनऊ, जैन मिलन एवं उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान द्वारा आयोजित विश्व मैत्री दिवस कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान परिसर में में हुआ। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि जैन धर्म हमें सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है। जाने-अनजाने में हो जाने वाली गलती पर क्षमा मांगने की प्रवृत्ति हमें ऊंचाइयों तक ले जाती है। उन्होंने आगे कहा कि भगवान महावीर के विचारों और उनके सिद्धातों को आज व्यवहार में उतारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिसने पूरे विश्व में अहिंसा का संदेश दिया, वह स्वयं महावीर हैं। उन्होंने कहा कि मेरा जैन समाज से पुराना संबंध रहा है। आचार विचार में अंतर नहीं होना चाहिए। एकत्र रहकर यह समाज अपने सामाजिक सरोकार के माध्यम से बिना अहंकार के प्रेरणा देता है।

कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लगातार 12 साल से जैन समाज सम्मान समारोह का आयोजन करता आ रहा है, जो वास्तव में अभिनन्दनीय है और आगे भी निरंतर चलते रहना चाहिए। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति अतिप्राचीन है। अलग-अलग समय पर विभिन्न महापुरुषों ने जन्म लेकर देश की संस्कृति को मजबूत और समृद्ध किया है। महापुरुषों के द्वारा जो विचार आये, वे देश की संस्कृति की मूल भावना को आगे बढ़ाने वाले हैं, मन को शंति प्रदान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जिनका मन छोटा होता है, वह तेरा-मेरा करते रहते हैं किंतु उदार और बृहत मन वाला व्यक्ति पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। उन्होंने कहा कि आज के युग में जैन धर्म के विचारों को समझने की जरूरत है।


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