नवादा। जैन धर्म के आदि प्रवर्तक प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का गर्भ कल्याणक पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर श्री गोणावां जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पर संध्या समय मंगलदीप स्थापित कर भगवान ऋषभदेव की विशेष आराधना करते हुए सर्वसंकटहारी व सर्वमंगलकारी भक्तामर स्तोत्र का पूरी श्रद्धा के साथ पाठ किया गया और वर्तमान में जारी वैश्विक महामारी कोरोना से मुक्ति के साथ ही सभी के संकट को हरते हुए प्राणिमात्र के कल्याण की जिनेंद्र प्रभु से मंगलकामना की गई।
समाजसेवी दीपक जैन ने कहा कि जैन धर्म में भक्तामर का बड़ा ही महत्व है। श्रद्धापूर्वक भक्तामर स्तोत्र का पाठ करने से सभी प्रकार के व्याधियों, संकटों, दुखों व बीमारियों का समूल नाश होता है और जीवन मे सुख, शांति व समृद्धि का संचार होता है। उन्होंने कहा कि इस शक्तिशाली स्तोत्र के शामिल अड़तालीस श्लोकों की अलग-अलग विशेषता है, जो कि हरेक प्रकार के संकटों से निजात दिलाने में सक्षम है। दीपक जैन ने बताया कि भगवान ऋषभदेव के गर्भ कल्याणक के अवसर पर प्राणिमात्र के कल्याण की वीतराग प्रभु से प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर जैन धर्मावलंबियों ने पंच परमेष्ठी, भगवान ऋषभदेव, भगवान कुंथनाथ, निर्वाण क्षेत्र, चौबीस तीर्थंकर, गौतम स्वामी, धरणेन्द्र देव, माँ पद्मावती व आचार्य विमलसागर की पूरे भक्तिभाव के साथ मंगलआरती भी की गई। इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किया।
कार्यक्रम में समाजसेवी दीपक जैन के साथ ही राजेश जैन, सत्येंद्र जैन, अशोक जैन, अरुणेश जैन, शुभम जैन, लक्ष्मी जैन, सुनीता जैन, श्रेया जैन, खुशबू जैन व शीला जैन के साथ ही चेन्नई से ऑनलाइन योगेश जैन, श्रद्धा जैन व श्रुति जैन और पटना से ऑनलाइन पवन जैन, बबिता जैन, ऋषभ जैन व विजेता जैन ने भी पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ शिरकत किया।