जैन धर्मावलम्बियों का दस दिवसीय महापर्व पर्यूषण आज पूरे श्रद्धा एवं भक्तिभाव से जैन तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य के चरणों में निर्वाण लड्डू समर्पित किए जाने के साथ सानन्द सम्पन्न हो गया।
इस दस दिवसीय धार्मिक आयोजन के अंतिम दिन जैन श्रद्धालुओं ने जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के प्रथम शिष्य श्री गौतम गणधर स्वामी की निर्वाण भूमि नवादा स्थित श्री गुणावां जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र के साथ ही श्री दिगम्बर जैन मन्दिर में आज प्रातः जिनेन्द्र प्रभु के अभिषेक के पश्चात दशलक्षण धर्म के दशम स्वरूप “उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म” की विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान अनंत चतुर्दशी पर्व के आलोक में जैन तीर्थंकर भगवान अनंतनाथ की विशेष आराधना की गई। संध्या समय जैन तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य के निर्वाणोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं ने श्री गुणावां जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पर विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान वासुपूज्य के चरणों में निर्वाण लड्डू समर्पित किया। तत्पश्चात मंगल आरती भक्ति गीत-संगीत व नृत्य आदि कार्यक्रम के माध्यम से श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य देव व देवियों की विशेष आराधना की।
इस पवित्र धार्मिक आयोजन में समाजसेवी दीपक जैन, राजेश जैन, अभय जैन, भीमराज जैन, महेश जैन, विमल जैन, विनोद जैन गर्ग, सोनू जैन, सत्येन्द्र जैन, विनोद जैन, अरुणेश जैन, मनोज जैन, शुभम जैन, सुनील जैन, पारस जैन, संदीप जैन, मुकेश जैन, अवधेश जैन, रमेश चंद जैन, पवन जैन, अजीत जैन, विजय जैन, पदम जैन, भाग चंद जैन, निर्भय जैन, निशांत जैन, सुषमा जैन, लक्ष्मी जैन, सुनीता जैन, श्रद्धा जैन, श्रुति जैन, श्रेया जैन, खुशबू जैन, केतमती जैन, शांति जैन, चंदा जैन, संगीता जैन, वीणा जैन, स्वीटी जैन, रीता जैन, नीतू जैन, ममता जैन, रजनी जैन, संतोष जैन, राजुल जैन व सपना जैन सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की।
विदित हो, गत 14 सितम्बर से प्रारम्भ आत्मशुद्धि के इस दस दिवसीय महापर्व के दौरान जैन धर्मावलंबियों ने क्रमवार उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम सत्य, उत्तम शौच, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिंचन्य व उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की विशेष आराधना की, जबकि बीते कल क्षेत्र पर चौबीसी जिन पूजा का आयोजन कर श्रद्धालुओं द्वारा पूरे भक्तिभाव से जैन धर्म के सभी चौबीस तीर्थंकरों में शामिल क्रमशः भगवान आदिनाथ, अजितनाथ, सम्भवनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ, पद्म प्रभु, सुपार्श्वनाथ, चंद्र प्रभु, पुष्पदंत, शीतलनाथ, श्रेयांसनाथ, वासुपूज्य, विमलनाथ, अनंतनाथ, धर्मनाथ, शांतिनाथ, कुन्थनाथ, अरहनाथ, मल्लीनाथ, मुनिसुव्रतनाथ, नमिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ व भगवान महावीर की आराधना की गई।
- दीपक जैन(बिहार)