कत्लखाने पर रोक लगाने की मांग को लेकर राज्य सरकार को चेतावनी देने वाले जैन मुनि प्रभ सागर जी महाराज पर आज प्रात: मेरठ से विहार करने के दौरान बागपत जिले के बरनावा के पास उन्हें कार से कुचलने का प्रयास किया गया किंतु राहत की बात है कि इस हादसे में वे बाल-बाल बच गये। चौंकाने वाली बात ये है कि पुलिस की मौजूदगी में उन्हें कुलचने का प्रयास किया गया। इस दुखद घटना से राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था कैसी चल रही है, इसका स्पष्टतया पता चल जाता है। आपको बता दें कि इन्हीं मुनि द्वारा मांस निर्यात बंद न करने पर संथारा लेने की चेतावनी दी थी और सरकार सहित मांस निर्यातक लाबी की जड़ें हिला दी थी। जैन समुदाय ने कहा कि मांस के कारोबार में लगे बड़े व्यवसायी बड़े-बड़े नेताओं के इशारे पर उन्हें खत्म करना चाहते हैं ताकि उनका मांस व्यवसाय चालू रह सके। मुनि श्री ने मांस निर्यात विरोध का आंदोलन बागपत के बड़ौत से वर्ष 2011 से शुरू किया था। उन्होंने अन्न, जल का त्याग कर केंद्र और राज्य सरकार से यांत्रिक कत्लखानों में कटने वाले बेजुवान जानवरों पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इससे पूर्व वर्ष 2011 की रात्रि राज्य सरकार के इशारे पर मुनि श्री जी के ठहरने वाले स्थान की बिजली तक कटवा दी थी। इसके बाद दर्जनों पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने मुनि श्री को जबरन गाड़ी में डालकर दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। इसके बाद देश भर में जैन समुदाय के विरोध के बाद सरकार चेती थी। अब पुन: मुनि श्री ने सरकार को 80 दिन का अल्टीमेटम दिया है कि वह कत्लखानों और मांस निर्यात पर रोक लगाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो वे मेरठ में संथारा ग्रहण कर लेंगे।