खनियॉधाना नगर मे गणाचार्य परम पूज्य श्री विराग सागर महाराज जी के परम शिष्य परम पूज्य मुनि श्री विशोक सागर जी महाराज एंव परम पूज्य मुनि श्री विदेह सागर जी महाराज ने उपवास रखकर केशलॉंच किया | प्रवचन में मुनि श्री ने कहा कि जीवन मे हमेशा नई सोच के साथ आगे बडना चाहिऐ | मोह राग द्वेश को छोडकर वैराग्य की तरफ कदम वडावें | महाव्रतो का निर्दोष पालन कर मोक्ष मार्ग पर कदम बडावे |
महाव्रतो एंव केशलौंच क्रिया के बारे मे मुनि श्री ने कहा पॉच महाव्रतो मे एक अहिंसा महाव्रत एंव मुनि के 28 मूल गुणो मे अहिंसा मूल गुण तथा 6 विशेष गुणो मे केशलोंच अस्नान , एक करबट से लेटना , पैदल विहार , एक समय आहार पानी , उपसर्ग एंव परिषह सहना सभी का मूल उद्देश छह काय के जीवो की रक्षा करना है| प्राणी माल का ह्रदय हमारे किसी भी कार्य से न दु:खे प्रत्येक समय इसी भावना के साथ अपने छह आवस्यको का पालन मुनि करने है |
गौरतलब है कि दि. 12/07/017 को मुनि श्री द्वारा अपनी क्रियायो से वर्षाकाल की स्थापना कर ली है लेकिन विशेष प्रभावना हेतु खनियॉधाना जैन समाज ने 16/7/017 को वर्षाकाल महोत्सब मनाने का निर्णय लिया है | दोपहर 2 बजे से ध्वजारोहण से कार्यक्रम प्रारम्भ होकर कलश स्थापना मुनि श्री के मंगल प्रवचन के बाद बाहर से पधारे सम्मानीय अतिथियो के भोजन एंव आवास की समुचित व्यवस्था समाज द्वारा की गई है
- स्वप्निल जैन (लकी ), खनियॉधाना