ग्वालियर की यात्रा पर आये जैन मुनि विहर्ष सागर जी महाराज एक श्रावक के यहां आहार लेने के बाद आसन पर बैठे थे। उसी दौरान अचानक एक बंदर आया और मुनिश्री की गोद में बैठ गया। उपस्थित लोग बंदर को मुनिश्री की गोद में बैठा देख डर गये क्योंकि यहां रहने वाले बंदर अक्सर लोगों को काट लेते हैं किंत सभी श्रद्धालु यह देखकर भौचक्के रह गये कि बंदर मुनिश्री की गोद में वगैर कोई हरकत किये बहुत ही शांत भाव से बैठा रहा। मुनिश्री ने उस बंदर के ऊपर प्यार से अपना हाथ फेरा और उसे अपने हाथों से केला भी खिलाया। उसके बाद मुनिश्री ने आशीर्वाद लिया, उसके बाद ही बंदर वहां से हटा। यह घटना पूरे ग्वालियर में चर्चा का विषय बनी रही।