विशाल पैदल मार्च के संयोजक विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि झारखण्ड के गिरिडिह जिले की सबसे ऊँचे पहाड़ ‘पारसनाथ’ पर्वत से 24 जैन तीर्थंकरों में से बीस ने मोक्ष प्राप्त किया था! केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा 2 अगस्त 2019 को झारखंड सरकार की अनुसंशा पर बिना जैन समाज की सहमति लिए अंतिम अधिसूचना से पूर्व लोगो की आपत्ति या सुझाव हेतु कम से कम दो अखवारों में प्रकाशित किये बिना सर्वोच्च जैन तीर्थ को वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग घोषित कर इको सेंसिटिव जोन में पर्यावरण पर्यटन, धार्मिक पर्यटन के नाम पर तीर्थ की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली अधिसूचना को रद्द कर पारसनाथ पर्वत व मधुबन क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” घोषित कराने की मांग हेतु संगठन द्वारा केंद्र व झारखंड सरकार को दिए निवेदनों पर कोई कार्यवाही न किये जाने के विरोध में 2 अगस्त को काला दिवस के रूप में मनाते हुए विशाल पैदल मार्च का आयोजन किया गया!
संजय जैन ने बताया कि दिल्ली पुलिस को 2 अगस्त से राजघाट पर अनिश्चितकालीन गांधीवादी सत्याग्रह अनशन की अनुमति के लिए 1 जुलाई को निवेदन दिया था लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने की पालिसी के अनुभव से संगठन द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गयी, जिसकी आज 2 अगस्त को ही सुनवाई में दिल्ली पुलिस द्वारा नई दिल्ली जिले के अंतर्गत इंडिया गेट से विजय चौक तक सेंट्रल विस्टा व जंतर मंतर के आसपास क्षेत्र के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन्स का हवाला देकर अनुमति न दिये जाने का कारण बताया गया जबकि राजघाट इंडिया गेट से 5 किमी दूर व मध्य जिले में स्तिथ है!
जैन संत पूज्य क्षुल्लक श्री योग भूषण जी महाराज, गुरु गणी श्री राजेंद्र विजय जी महाराज और भट्टारक सौरभ सैन जी ने अनादि काल से जैन तीर्थ की स्वतंत्र पहचान और प्राचीन प्राकृतिक स्वरुप को पूर्ववत बनाये रखने और झारखण्ड सरकार व वन मंत्रालय से शास्वत जैन तीर्थ को वन्य जीव अभ्यारण्य व पर्यटन स्थल आदि की सूची से बाहर करने की मांग की!
संगठन के उपाध्यक्ष यश जैन, संरक्षक राजेश जैन, महामंत्री सुदीप जैन, मंत्री मनीष जैन, राजीव जैन, विपिन जैन और महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका श्रीमती रूचि जैन, प्रचार मंत्री प्रदीप जैन और नीरु जैन ने कहा कि झारखण्ड सरकार द्वारा पर्यावरण और धार्मिक पर्यटन के नाम पर निवेशको को पारसनाथ तीर्थ पर निवेश के लिए आमंत्रित करना स्वीकार नही क्योकि पर्वत पर व्यापारिक गतिविधि के लिए कोई स्थान नहीं!
दिल्ली की प्रमुख जैन संस्थाओ के पदाधिकारी श्री चक्रेश जैन, मदन लाल जैन, पवन गोधा, विकास जैन, नीरज जैन, पुनीत जैन, महासभा से सुमित जैन और दिल्ली व अन्य राज्यों से आये विभिन्न जैन संस्थाओं व अन्य गणमान्यों ने झारखंड और केंद्र सरकार से गजट रद्द कर पर्वत का वंदना मार्ग अतिक्रमण मुक्त, यात्री पंजीकरण, सामान जांच के लिए दो चेक पोस्ट, पर्वत पर सोलर लाईट और पर्वत व मधुबन की पवित्रता के लिए सम्पूर्ण क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त पवित्र “जैन तीर्थस्थल” अतिशीघ्र घोषित करने की मांग की!
— यश जैन