जैन धर्म के महापर्व कहे जाने वाले पयूर्षण पर्व का श्वेताम्बर जैन समाज का शुभारम्भ 6 सितम्बर से हो चुका है और दिगम्बर जैन समाज के पयूर्षण पर्व की शुरुआत 14 सितम्बर से होगी। उक्त पर्यूषण पर्व में जैन धर्म के सिद्धातों की अनुशरणा की जाती है, जो लगभग श्वेताम्बरों में 8 दिन एवं दिगम्बरों में 10 चलती है। इस दौरान विभिन्न जैन मंदिरों में प्रात:काल से ही पूजा-अर्जना, प्रवचन, धार्मिक अनुष्ठान आदि का आयोजन किया जाता है। पयूर्षण पर्व आत्मशुद्धि सहित आध्यात्मिक संस्कारों का पर्व है, जिसमें जैन समाज के लोग धर्म-आराधना में लीन होंगे और कठिन तप, व्रत एवं साधना करेंगे।
इसी तरह दिगम्बर समाज में 14 सितम्बर से पयूर्षण पर्व की शुरुआत होगी, जिसके लिए जैन मंदिरों में जोर-शोर से तैयारी शुरु हो गयी है। 10 दिन तक चलने वाले पर्व में विद्धान धर्म और आध्यात्म की बातों को बताएंगे कि उन्हें जीवन में कैसे आत्मसात किया जा सके ताकि हमारा जीवन आत्मा की शुद्धि कर कैसे सुखी और शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर सके। पयूर्षण पर्व के 10 दिनों में क्रमश: उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम सत्य, उत्तम शौच, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिंचन, उत्तम ब्रह्मचर्य के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की जाएगी और पहले दिन से दसवें दिन तक क्रमश: एक-एक व्रत का पालन कर अपने जीवन को पवित्र बनाएंगे। इसीलिए इस पर्व को आत्मा की शुद्धि का पर्व भी कहते हैं।