चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर से आचार्य विनीत सागर महाराज के सानिध्य में और पं सचिन जैन शास्त्री के निर्देशन में महिलाएं अपने-अपने कलशों में जल लेकर घटयात्रा के रूप में बैंड बाजों के साथ आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर कोट ऊपर पहुंची जहां पर पंडित सचिन शास्त्री ने अपने मंत्रोचार से जिन मंदिर में उन कलशों से जल छिडकवाकर विधान स्थल का शुद्धिकरण करवाया। जैन समाज कामां के प्रवक्ता डी के जैन मित्तल ने बताया कि सिद्धचक्र विधान के आज के सौधर्म इन्द्र सुरेशचंद पदम जैन के द्वारा प्रथम अभिषेक व शांतिधारा की गयी तो नंदीश्वर द्वीप की शांतिधारा करने का सौभाग्य पदमचंद अरुण जैन को मिला। बोली के माध्यम से महायज्ञनायक और रजत कलश को प्राप्त करने का सौभाग्य सत्येंद्र प्रसाद राजेंद्र जैन परिवार को मिला। प्रथम आरती करने का सौभाग्य निर्मला जैन को मिला।
आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य पदम चंद अरुण कुमार जैन परिवार को मिला तो आचार्य संघ को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य महावीर प्रसाद देवेंद्र कुमार जैन परिवार एवं भागचंद रिंकेश कुमार जैन परिवार को मिला। आचार्य कल्याण सागर महाराज का चित्र अनावरण दुलीचंद शीतल चंद जैन ने किया तो दीप प्रज्वलन सुरेश चंद कैलाश जैन परिवार द्वारा किया गया।
झंडारोहण पदम चंद रवि कुमार जैन परिवार द्वारा किया गया। आचार्य श्री ने अपने मंगल प्रवचन दिए। उसके बाद दीपक रंगीला पार्टी की संगीतमय धुन के साथ नित्य नियम की पूजा और सिद्धचक्र महामंडल विधान की पूजा की गई यह सिद्धचक्र महामंडल विधान सुख, समृद्धि, शांति प्रदाता और सर्व सिद्धि प्रदायक है इस विधान में जैन समाज कमेटी के पदाधिकारियों सहित काफी संख्या में पुरुष महिलाएं एवं बच्चे उपस्थित थे।