पुराने समय से अपने से बड़ों को पैर छूकर आदर देने की पुरानी परंपरा रही है। बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करना न सिर्फ अच्छा आचरण माना जाता है बल्कि आपस में एक-दूसरे के प्रति श्रद्धाभाव और प्यार बनाये रखने में सहायक होता है। साधारणतौर पर बड़ों के सामने पूरा झुककर पैर को छूकर ही आशीर्वाद लिया जाता था किंतु आजकल बड़ों के सामने थोड़ा सा झुकर और हाथ नीचे ले जाकर रस्म की खानापूर्ति की जाने लगी है। क्या आपने कभी सोचा है कि पैर छूने की इस प्रथा के पीछे क्या कारण है। यदि नहीं तो आज जानिए कि बड़ों के पैर छूने से क्या फायदे हैं-
हिंदू संस्कृति में बड़ों का सम्मान और आदर का भाव संस्कार में महत्वपूर्ण बताया गया है। तमाम हिंदू ग्रंथों में इस सम्मान को सवरेपरि कहा गया है। इसमें माता-पिता, गुरू, भाई सहित अपने से बड़ों के सम्मान में पैर छूने से मिला आशीर्वाद संकटमोचक बताया गया है। जिन लोगों को पितृदोष होता है, उन्हें प्रतिदिन सुबह घर के बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए, इससे पितृदोष और जीवन में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। इसके अलावा जो व्यक्ति प्रतिदिन बड़े-बुजगरे के सम्मान में चरण स्पर्श करता है, उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत में बढ़ोत्तरी होती है। इसलिए जीवन में सफल बनना चाहते हो तो घर के बड़ों के चरण स्पर्श जरूर करें।
चरण स्पर्श करने के पीछे मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक वजह भी है, वह यह कि सम्मान देते समय खुशी का भाव प्रकट होता है, जो देने और लेने वाले के साथ-साथ आसपास का माहौल भी उत्साहित, ऊर्जावान और उमंग से परिपूर्ण हो जाता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव पूरे परिवारीजन के साथ घर पर भी पड़ता है। हम सभी की सफलता के लिए घर का माहौल बड़ा निर्णायक होता है। इससे परिवार के सभीजनों में आपसी रिश्ता प्रगाढ़ होता है साथ ही बच्चों को भी संस्कार मिलते हैं। दूसरों को सम्मान देना गुणी और संस्कारिक होने को प्रमाणित करता है। यही नहीं ऐसे व्यक्ति गुणी और ज्ञानी लोगों का संग और आशीर्वाद कई तरह से हमें मिलता है। इसलिए बड़े और गुणी लोगों का संग जीवन को नयी दिशा देता है और शक्ति बनकर बेहतर नतीजे तय करता है। इसलिए हमें आयु, यश, बल, ज्ञान के रूप में सुखमय जीवन जीना है तो चरण स्पर्श जरूर करें।