लक्ष्य की ओर दृष्टि रखने पर ही फल की प्राप्ति होती है : आचार्य श्री


भोपाल। भोपाल में चातुर्मास कर रहे दिगम्बर जैन संत आचार्य विद्यासागरजी महाराज ने कहा है कि लक्ष्य की ओर दृष्टि रखने पर ही फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि कार्य की ओर दृष्टि नहीं उसे पूर्ण करने का उत्साह होना चाहिए। आचार्यश्री हबीबगंज जैन मंदिर में गुरुवार को प्रवचन दे रहे थे। प्रवचन से पूर्व नेहरूनगर जैन समाज ने सामूहिक रूप से आचार्यश्री की संगीतमय पूजन की। गुरुवार को आचार्यश्री की आहारचर्या इंजीनियर महेन्द्र जैन एमपी नगर वालों के चौके में संपन्न हुई।

बुधवार को आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने उपवास किया था। गुरुवार को सुबह बड़ी संख्या में लोग उनके दर्शन के लिए पहुंचे थे। सुबह 9 बजे मुख्य पंडाल में आचार्यश्री की पूजन की गई। इस अवसर पर उन्होंने अपने आर्शीवचन में कहा कि जिस प्रकार परीक्षा में विद्यार्थी सरल प्रश्नों को देख लेता है और उन्हें हल करने का प्रयास के साथ ही यह भी देखता है कि अनिवार्य प्रश्न को आवश्यक रूप से हल करना है क्योंकि उसके बिना असफलता नहीं है। इसी प्रकार आपको अपने जीवन में अनिवार्य की और दृष्टि रखनी है। आचार्यश्री ने कहा कि यंत्र खरीदे जा सकते हैं मंत्र नहीं। उन्होंने कहा कि जीवन में वस्तु के स्वरूप को पहचानना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संतोंं में गहराई में जाकर ऐसे सूत्र दिए हैं जो हमारे लिए धरोहर के रूप में है। आचार्यश्री नसैनी का उदाहरण देते हुए कहा कि ऊपर जाने के लिए नसैनी का उपयोग करते हैं। एक-एक सीढ़ी चढ़ते हैं तो दूसरी सीढ़ी छोडऩी पड़ती है तभी हम लक्ष्य पर पहुंच पाते हैं। आपको भी इसी तरह अपने लक्ष्य की और कदम बढ़ाने होंगे। यदि कदम सही दिशा में होंगे तो सफलता भी नजदीक आती जाएगी।

  • रवीन्द्र जैन

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