वन्यप्राणियों को मारने के जावडेकर के बयान पर भड़का जैन समाज, विरोध प्रदर्शन


  सिवनी, वन्यप्राणियों द्वारा खेतों को नुकसान पहुंचाने को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर द्वारा दिए गये आदेश की निंदा सकल जैन समाज द्वारा की गई साथ ही ऐसे तुगलकी फरमान को निरूपित करते हुए एसडीएम राजस्व को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में श्री दिगंबर जैन समाज, तरण-तारण एवं श्वेताम्बर समाज द्वारा कहा गया हमारा देश अहिंसा प्रधान देश है। यहां पर इंसान,  मूक पशु-पक्षी या अन्य जीव-जंतु सभी को जीने का समान अधिकार है। किसी भी वन्यजीव को यह नहीं ज्ञात होता कि यह खेत किसका है? धीरे-धीरे इनके रहने का स्थान (वन) की बड़ी संख्या में कमी होती जा रही है। ऐसे में ये पशु जाएं तो कहां जाएं, ये मनुष्य और सरकार का सोचने का विषय है? देश का किसान भी किसी वन्य प्राणी को नहीं मारना चाहता किंतु केंद्रीय मंत्री द्वारा जानवरों को मारने का आदेश देना हिंसा का प्रतीक है, जिसको देश न्यायसंगत नहीं मान सकता।
इसी आदेश के खिलाफ समाज में रोष ब्याप्त है। इसी तरह बिहार सरकार के नील गायों के मारने फैसले का जैन समाज की संस्था आराधना भवन सेवा समिति ने विरोध किया है। समिति के मुकेश गांधी, संजय पारख, जयंतीलाल कटारिया एवं रमेश पितलिया ने बताया कि बिहार सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी ऐसा फैसला लेने की तैयारी में है, जो गलत है। नील गायों को मारने के बजाय उन्हें अन्य जगह रखने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यदि मध्य प्रदेश सरकार नील गायों को मारने का फैसला करती है तो इसा जबर्दस्त विरोध किया जाएगा। समिति के अशोक नाहर, मोतीलाल कटारिया, मांगीलाल जैन, अरुण वोहराल कुमार पाल पारख, सुनील पारख, प्रदीप कटारिया आदि ने कहा कि फसलों के बचाने के लिए नील गायों को मारने की जगह अन्य उपाय प्रदेश सरकार को करने चाहिए।


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