अशोकनगर| वैराग्य की राह चलने वाले चार ब्रह्मचारी भैया जी की दोपहर को सुभाषगंज से बिनौली यात्रा निकाली गई, जो नगर भ्रमण कर वापस गंज मंदिर पहुंची जहां भैया जी की गोद भराई की गई।
इससे पहले धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री निर्वेग सागर जी महाराज ने कहा गृहस्थी में रहकर साधु जीवन की कल्पना करना भी कठिन है। ग्रहस्थ धर्म को छोड़कर ही साधु जीवन का निर्वाह करते हुए साधुता का अनुभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि चार अंगुल की जीव पर आपने कंट्रोल कर लिया तो समझो सारे संसार को जीत लिया। ये चार अंगुल की जीव मनुष्य से कुछ भी करवा सकती है साधु जीवन प्ररभ्य करते ही साधक सबसे पहले जीभ पर नियंत्रण करना चाहता है। जैन युवा वर्ग संरक्षक व जैन पंचायत कमेटी के सदस्य विजय धुर्रा ने कहा कि हमारे बीच गोटेगांव से राकेश भइया जी भी आए हैं जो आचार्यश्री वर्धमान सागरजी महाराज से 20 अक्टूबर को जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण करेंगे।
परिचय
ब्रह्मचारी देवास भैया
पिता : दिलीप कुमार जैन
माता : अंजना जैन
जन्म:19 जुलाई 1999 देवेन्द्र नगर
ब्रह्मचारी सार्थक भैया
पिता : सुनील कुमार जैन
माता : कीर्ति जैन
जन्म स्थान : भिंड
ब्रह्मचारी मणिकांत बड़घरिया
पिता : महेन्द्र कुमार बड़घरिया
जन्म:19 जून 1973 लागौन उप्र
ब्रह्मचारी अंकित भैया
पिता : योगेन्द्र जैन
माता : मधु जैन
जन्म:8अप्रैल 1985 छिंदवाड़ा
— अभिषेक जैन लुहाड़ीया