जैन धर्म के अंतिम 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की पावन निर्वाण भूमि पावापुरी दिगम्बर जैन मंदिर में विराजमान तपस्वी संत आचार्य श्री 108 विपुल सागर जी महाराज , आचार्य श्री 108 भद्रबाहु सागर जी महाराज ससंघ से मुनि श्री 108 प्रबल सागर जी महाराज का शुक्रवार को पारंपरिक मंगल मिलन हुआ।
जैन मुनि श्री प्रबल सागर जी महाराज ससंघ पावापुरी पहुंच भगवान महावीर की निर्वाण भूमि जलमंदिर में ध्यान-साधना किया , इसके पश्चात दिगम्बर जैन मंदिर में जैन संतो के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने विशेष अभिषेक , शांतिधारा पूजन किया गया।
प्रबंधक अरुण कुमार जैन , संदीप जैन व अन्य जैन श्रद्धालुओं ने जैन संतो का मंगल आरती , चरण प्रक्षाल , श्रीफल , अर्घ्य समर्पित कर भव्य आगवानी किया , इस मौके पर जैन साधुओं के मंगल मिलन का अद्भुत दृश्य देख श्रद्धालुगण भाव विभोर हो गए , इस दौरान सभी भक्त जय जय गुरुदेव और जय महावीर के नारे लगा रहे थे।
बता दे कि मुनि श्री प्रबल सागर जी महाराज बिहार पंचतीर्थ राजगीर , कुंडलपुर , पावापुरी , गुणावां , जमुई , चम्पापुर , मंदारगिरी तीर्थ के रास्ते पदयात्रा करते हुए जैनियों के सर्वोच्च तीर्थ स्थली श्री सम्मेद शिखर जी झारखंड पहुंचेंगे जहां उनका चातुर्मास होना है।
शनिवार को गौतम गणधर स्वामी की निर्वाण भूमि गुणावां जी नवादा की ओर विहार होगा।
— प्रवीण जैन