जैन मुनि श्री 108 विप्रण सागर जी महाराज ससंघ का जैन धर्म के बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी का तप , ज्ञान एवं निर्वाण भूमि मंदारगिरि जी से मंगल विहार भागलपुर की ओर बुधवार की सायं 5 बजे हुआ।
बुधवार की रात्रि विश्राम ढाका मोड़ के एक विधालय में हुआ, संभावना हैं कि शुक्रवार के सुबह महाराज श्री ससंघ का भागलपुर जैन मंदिर में मंगल प्रवेश होगा ।
मंदारगिरि सिद्ध क्षेत्र प्रबंधक पवन कुमार जैन ने बताया कि जैन मुनि श्री एक रात्रि मंदार पर्वत के शिखर जैन मंदिर में अपने साधना को किया।
क्षेत्र प्रबंधक ने कहा कि महाराज श्री सम्मेद शिखर जी से यात्रा कर पंचतीर्थ यात्रा के दौरान मंदारगिरि पधारे थे , जिनकी अगुवाई कमिटी और जैन समाज ने किया था।
जैन मुनि श्री 108 विप्रण सागर जी महाराज
बताया गया कि मुनि विप्रण सागर जी मंदारगिरि में अपना सानिध्य देकर श्रद्धालुओ एवं जैन तीर्थयात्रियो के बीच मंगल प्रवचन, धार्मिक संदेश, जीवन दर्शन आदि सत्य, अहिंसा और मैत्री का उपदेश बांटा।
मालूम हो कि जैन मुनि ससंघ में 92 वर्षीय क्षुल्लक श्री 105 धेय सागर जी महाराज एवं 96 वर्षीय विदेह मति माता जी कर रहे हैं मंगल विहार।
इस अवसर पर ब्रह्मचारी भैया जी, क्षेत्र प्रबंधक सहित श्रीकांत जैन , उपेंद्र जैन , प्रीती जैन, चंदा जैन , मोनू जैन आदि जैन समाज मंगल विहार में शामिल हुए और जैन मुनि श्री ने सभी श्रद्धालुओ को अपना मंगल आर्शीवाद दिये।
- प्रवीण जैन