बाड़मेर, जैन समुदाय की एकता, सुरक्षा, संगठन व शिक्षा के उद्देश्य को लेकर स्थानीय जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में कैलाश मेहता के नेतृत्व में व शिवाजी गु्रप के बैनर तले जैन समाज की बैठक का आयोजन किया गया।
शिवाजी गु्रप के प्रचार प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड़ व कपिल मालू ने बताया कि वर्तमान में जैन समाज पर हो बाह्य आघातों व जैन समुदाय के साधु-संतों पर हो रहे जानलेवा हमले व षडयंत्रपूर्वक एक संस्था विशेष द्वारा करवाये जा रहे रोड़ ऐक्सीडेंट एवं समाज की बहन-बेटिया की सुरक्षा को लेकर शिवाजी ग्रुप की अतिमहत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया जिसमें शिवाजी ग्रुप को मजबूत बनाते हुए जैन समाज को संगठित कर उसे सूत्र में पिरोने का आह्वान किया गया जिससे हमारे समुदाय पर हो रहे बाह्य आघातों व साधु-संतों पर हो रहे हमलों से निपटा जा सके।
बैठक को संबोधित करते हुए कैलाश मेहता ने कहा कि जैन समाज एक अथाह समुद्र है तथा गौत्र व जातियां नदियां है, आखिर में जाकर हमें जैन समाजरूपी समुद्र में समाहित होना है। हमारे समाज के महापुरूषों से प्रेरणा लेकर हमने जीयो ओर जीने दो की भावना से हमने 35 कौम के लिए अस्पताल, विद्यालय व अन्य जनपयोगी उपक्रमों का निर्माण किया। आज हमारा समाज हर क्षेत्र से राजनीतिक, प्रशासनिक सब जगह से पिछड़ रहा है। हमें हमारे पूर्वजों की धरोहरों को सुरक्षित करना है। मेहता ने कहा कि हम उन भामाशाह के वंशज है जिन्होनें देश की सुरक्षा के लिए महाराणा प्रताप के चरणों में अपना पुरा खजाना खाली कर दिया। आज अब उनके वंशज अपनी स्वयं की सुरक्षा नहीं कर पा रहे है, आये दिन हमारे साधु-संतों पर एक संस्था विशेष द्वारा अनर्गल आरोप लगाकर उन पर हमले किए जा रहे है, उनका एक्सीडेंट करवाया जा रहा है। हम जैन शांत व अहिंसावादी जरूर है लेकिन कच्चे व कमजोर नहीं है।
एडवोकेट मुकेश जैन ने कहा कि देश की अस्सी फीसदी गौशालाएं जैन समाज चलाता है। अहिंसा हमारे रग-रग में बसी है। लेकिन आज हम हर क्षेत्र से सीमित होते जा रहे है, सिमटते जा रहे है। जब हम एक होगे तो हम स्वतः सुरक्षित हो जायेगें।
लूणकरण सिंघवी ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे समाज के युवाआकं में जो विकृतियां पैदा हुई है वो ही हमारी असुरक्षा का मुख्य कारण है। जहां हमारी पारखी बुद्धि होनी चाहिए थी आज वो पृथक बुद्धि हो गई है जिससे हम हर क्षेत्र में अलग-थलग हो गये है। सुरक्षा कमजोर होगी तो समाज कमजोर होगा। पैसों के बल पर कार्य करवाने वाले बहुत लोग होते है लेकिन शक्ति के
बल पर कार्य करवाने वाले नगण्य लोग ही होते है। मुकेश बोहरा अमन ने कहा कि हमें संगठन को मजूबत बनाने के लिए कुछ मापदंड व दिशा निर्देश तय करने होगें जिसके माध्यम से हम आगे बढ़ सके।
कुशल वाटिका बालिका मंडल की अध्यक्षा कविता बोथरा ने संबोधित करते हुए कहा कि संगठन में ही शक्ति है। हमें सर्वप्रथम अपने परिवार में एकता करनी होगी, अगर परिवार में एकता होगी तो समाज में स्वतः एकता कायम हो जायेगी। जैन की पहचान कर्म से होती न की जैन के घर जन्म लेने से। अगर हमारे आचार-विचार जैन संस्कृति के विपरीत है तो हमें जैन कहलाने का कोई हक नहीं है। सिर्फ जैन कहने मात्र से जैन नहीं होता है, उसके आचार-विचार जैनों जैसे होने जरूरी है। जहां सच्चाई होगी, न्याय होगा, सकारात्मकता होगी तो वह समाज संगठित होगा। आज की युवा पीढ़ी के अलग दिशा में जा रही है उसके लिए अभिभावकों को समझाना होगा।
इस अवसर पर गौतम बोथरा, पवन मालू, मांगीलाल मालू, विक्रम मेहता, चन्द्रप्रकाश छाजेड़ सहित अनेक वक्ताओं ने एकता, सुरक्षा व शिक्षा को लेकर अपने विचार रखे। कैलाश मेहता ने जैन समाज के प्रत्येक घर से एक युवा को शिवाजी गु्रप में जुड़ने का आह्वान किया तथा सदस्यता अभियान को लेकर मौहल्ले अनुसार टीमें गठित की गई।
इस अवसर पर जैन समुदाय के अग्रणीय समाज प्रमुख, युवा, युवतियों व महिलाओं ने सैकड़ों की संख्या में भाग लिया।
- Chandra Prakash Chhajer