शिवपुरी, पुरातत्व विभाग की बेशकीमती जैन मूर्तियां प्रदेश के राज्यपाल और प्रशासनिक अधिकारियों के घरों की शोभा बढ़ा रही हैं। मामला एक-दो मूर्तियों का नहीं है बल्कि एक आरटीआई में संग्रहालय से 25 मूर्तियां गायब होने का खुलासा हुआ है। ज्ञातव्य हो कि म.प्र. के शिवपुरी जिले में पुरातत्व महत्व की अकूत संपदा है। वर्ष 1962 से 1990 तक पुरातत्व विभाग ने लगभग 90 फीसदी जैन मूर्तियों सहित कुल 773 मूर्तियों को पुरातत्व विभाग अपनी निगरानी में ले चुका है। इसके बाद शिवपुरी में बताए जा रहे संग्रहालय में इन मूर्तियों को रख कर उसे आमजन के लिए खोलने की बात कही थी। लगभग पिछले दो वर्ष से संग्रहालय बनकर तैयार है किंतु अभी तक उसे आमजन के लिए नहीं खोला गया है।
उक्त संग्रहालय में जैन मूर्तियों को रखे जाने को लेकर जानकारी मांगने के लिए श्री महेंद्र जैन भैय्यन ने शिवपुरी संग्रहालय में सूचना का अधिकार के तहत 21 मार्च, 2016 को आवेदन दिया था। पुरातत्व विभाग द्वारा शिवपुरी संग्रहालय में दर्ज मूर्तियों दी गई जानकारी दी गई तो उसमें 11 मूर्तियां राज्यपाल निवास पर, 7 मूर्तियां पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन मंत्री के यहां, 5 मूर्तियां वन मंडल अधिकारी शिवपुरी को भेजने तथा 5 मूर्तियां पिछोर संग्रहालय भेजने की बात का जिक्र है। इसके बाद पिछोर संग्रहालय से जानकारी लेने पर पता चला कि यहां कोई संग्रहालय ही नहीं है तो फिर शिवपुरी संग्रहालय से मिली जानकारी के मुताबिक 5 मूर्तियां पिछोर संग्रहालय में कहां दी गई।
12वीं सदी की मूर्तियां राज्यपाल निवास एवं शासकीय विभागों को मूर्तियां देने के बारे में पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि शिवपुरी संग्रहालय में सभी मूर्तियां रखी है और सीवर प्रोजेक्ट के तहत हुई खुदाई की वजह से संग्रहालय शुरू नहीं कर पा रहा है। सरकारी काम का कैसा सरकारीकरण होता है, यह शिवपुरी के संग्रहालय से ही पता चल जाता है कि 150 करोड़ की लागत से बना संग्रहालय सीवर लाइन की खुदाई की वजह से दो साल से बंद पड़ा है।