सोमवारा के एक वरिष्ठ वकील मनोज जैन परिवार सहित सोनागिरि दर्शन के लिए घर से निकले थे किंतु उन्हें क्या पता था कि रास्ते में ऐसी अनहोनी घटना घटित हो जाएगी, जिसके बाद वे पुन: घर नहीं लौट पाएंगे। शुक्रवार रात्रि को सोनागिर से दर्शन कर लौटते समय डाबरा से 70 किमी. दूर उनकी कार एक नहर में गिर जाने से जैन वकील दम्पत्ति मनोज जैन एवं उनकी पत्नी मोनिका जैन सहित उनका ड्राइवर बलराम यादव की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद उनकी दोनों बेटियां किसी तरह तैरकर अपनी जान बचाने में कामयाब हो गई। मनोज जैन एवं उनकी पत्नी मोनिका का अंतिम संस्कार छोला विश्राम घाट पर रविवार कर दिया गया। उन्हें उनकी दोनों बेटियों आरुषि एवं अक्षिता ने मुखाग्नि दी।
इस दौरान उनके करीबी और रिश्तेदारों की भीड़ छोलाघाट पर लगी हुई थी। आसपास के लोगों का कहना था कि वे अक्सर अपने क्लाइंट्स के साथ प्रात: 04.00 बजे तक सोमवारा स्थित अपने ऑफिस में बैठे रहते थे। उनके रात को देर तक बैठने से आसपास के लोग स्वयं को सुरक्षित महसूस करते थे और रात्रि को आराम से सो जाते थे। मनोज जैन के के एक बेहद करीबी वरिष्ठ वकील हरीश मेहता की आंखें यह कहते हुए भर आई कि वे इतने वरिष्ठ थे कि लगभग 60 न्यायालयों के जज उन्हें उनके नाम से बुलाते थे। वहीं हादसे में मृत ड्राइवर बलराम यादव का अंतिम संस्कार भी छोला विश्रामघाट पर किया गया। करीबी रिश्तेदारों के अनुसार वकील साहब मनोज जैन उनके कहकर गये थे कि कोर्ट का काम थोड़ा कम हो गया है और सोनागिर दर्शन करने जा रहे हैं।