हाजीपुर जैन समाज द्वारा एक पनडुब्बी का नाम अरिहंत रखे जाने को लेकर अपना विरोध जताया है। जैन समाज का कहना है कि जैन धर्म के आराध्य देव अरिहंत हैं और उनके नाम पर भारत की सेना में प्रयोग किसी अस्त्र का नाम रखा जाना जैन धर्मावलंबियों पवित्र आस्था को चोटिल करना है। अरिहंत भगवान की वाणी से समस्त जीवों को शांति और जियो और जीने का संदेश दिया। ऐसे में बाहरी शत्रुओं के नाश के लिए बने हथियार का नाम अरिहंत रखा जाना, उनके पावन नाम का दुरुपयोग ही नहीं बल्कि जैन धर्मावंलबियों की आस्था का माखौल है। इस संबंध में जैन सोसायटी, वैशाली समाज के आनन्द वर्धन जैन ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री एवं तीनो सेनाध्यक्षों को पत्र लिखकर पनडुब्बी का नाम बदले जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इसका नाम अरिहंत की बजाय विगुरू रख दिया जाये ताकि इससे देश की शक्ति का भी पता चलेगा। और जैन परंपरा का आदर भी बना रहेगा।