ओसामा बिन लादेन जैसे खतरनाक आतंकवादी तो कुछ ही लोगों को मारते हैं किंतु ये छद्मवेशी साधु-संत तो लाखों-करोड़ों लोगों की अटूट श्रद्धा की हत्या कर डालते हैं। मैं ऐसे छदमवेशधारी साधु-संतों को आतंकवादी से भी ज्यादा खतरनाक मानता हूं। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट द्वारा दोषी करार दिये जाने के बाद ऐसा कड़वा बयान राजस्थान के सीकर नगर के जैन भवन में चातुर्मासरत राष्ट्र संत श्री तरुण सागर जी महाराज ने दिया। हालांकि अभी राम रहीम को दोषी करार दिये जाने के बाद सजा तय करना भी कानून का ही निर्णय है। इसलिए हम सभी को कानून का सम्मान कर उसे अपना काम करने देना चाहिए और उसके निर्णय पर अंगुली नहीं उठाई जानी चाहिए। बावजूद इसके विरोध में हिंसा-प्रदर्शन, तोड़-फोड़ कर राष्ट्र की संपत्तियों को क्षति पहुंचाने का कोई मतलब नहीं रह जाता।
हिंसक लोगों को सोचना चाहिए कि राष्ट्र की संपत्ति को क्षति पहुंचाना भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप में अपनी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना ही है। मुनिश्री तरुण सागर ने अपने कडवे प्रवचन संख्या 9 में कहा कि आज के नेता वादे तो बड़े-बड़े करते हैं किंतु यह लगता है कि जिन्होंने कभी गोबर नहीं उठाया और आज वह गोवर्धन उठाने की बात कह रहे हैं। इसलिए आज के नेताओं की नीति तो अच्छी है किंतु नीयत खराब है। इसलिए याद रखें कि नीयत अच्छी न हो तो भगवान भी अच्छे दिन नहीं ला सकते। ऐसी अवस्था में बादशाहों की नहीं बल्कि आचरण के आचार्यों की आवश्यकता है।