बांसवाड़ा। मोहन कॉलोनी स्थित भगवान आदिनाथ मंदिर में आचार्य पुलक सागरजी महाराज ने कहा कि गुस्सा और जिद आदमी के जीवन की सबसे बड़ी बुराइयां हैं। पुरुष गुस्से से परेशान है तो महिलाएं जिद से परेशान है। आचार्य जी ने कहा अगर आदमी गुस्सा और महिलाएं जिद छोड़ दे तो नरक बना जीवन आज भी स्वर्ग बन सकता है। जिद बहुत बुरी चीज है अगर यह पति पत्नी के बीच आ जाए तो फिर तोड़ना मुश्किल है। आचार्य जी ने कहा कि यह दीवार तो नहीं टूटती, लेकिन आदमी जरूर टूट जाता है, रिश्ते जरूर टूट जाते हैं। जिद की दीवार बहुत सख्त दीवार होती है।
आचार्य श्री ने कहा कि कहते हैं कि सबसे बड़ी दीवार चाइना की है। जिसको बनाने में सौ साल लग गए। मैं कहता हूं की अगर कोई सबसे बड़ी दीवार है तो वह है जिद की दीवार। इस दीवार को बनाने में दो मिनट क्या दो सैकंड भी नहीं लगते। भाई लोग गुस्सा कम कर दें और महिलाएं भी जिद कम कर दें तो स्थिति समान्य हो जाएगी। आचार्य जी ने कहा कि हालात बहुत नाजुक है। जिंदगी भी नाजुक दौर से गुजर रही है। सीमा पर ही तनाव नहीं है बल्कि जीवन में भी बहुत तनाव है। बाप बेटा, भाई बहिन, जेठ जेठानी, सास ससुर, अधिकारी कर्मचारी सब भारत पाक की तरह एक दूसरे के सामने तोप लेकर खड़े हुए हैं। आचार्य जी ने कहा कि काम, क्रोध, मोह जीवन में आदमी की आत्मा में घुसपैठ कर रहे हैं। जब तक सीमा पार से घुसपैठ कम नहीं होगा तब तक तनाव कम नहीं होगा। स्थिति भी समान्य नहीं होंगे। जीवन की स्थिति को समान्य के लिए जीवन के मूल्यों को असली जामा पहनाना होगा।
सीमा पर भारत पाकिस्तान की सेना पूरी तरह से तैयार खड़ी है बस युद्ध का बिगुल बजने में देरी है। बिगुल बजते ही युद्ध और संग्राम शुरू हो जाएगा। आचार्य जी ने कहा कि मानव के जीवन में भी इसी तरह का तनाव और हालात है। मनुष्य के अंदर भी संग्राम की स्थिति चल रही है। बाहर से ज्यादा मनुष्य के अंदर जो युद्ध चल रहा है वह सबसे खतरनाक है। जीवन में जितने भी युद्ध हुए वह सब भीतरी युद्ध की ही देन है। हस्तिनापुर का महाभारत केवल 18 दिन चला था और लाखों लोग मरे थे। लेकिन अब जो मानव में जो महाभारत रचा जा रहा है। आचार्य जी ने कहा कि अगर मानव के अंदर चल रहा महाभारत अगर ठन गया तो फिर 18 दिन नहीं 18 घंटों में ही लाखों नहीं करोड़ों लोग मारे जाएंगे। दुनिया देखते ही नेस्तनाबूत हो जाएगी। आचार्य जी ने कहा अमेरिका, रुस जैसे देशों ने अणु बम बना रखे हैं। जो दुनिया को 15 बार कुछ घंटों में तबाह कर सकते हैं। इनका कंट्रोल भी व्यक्तियों के पास है जिनके आंखें तो है लेकिन अंदर की आंखें बंद हैं।
— अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी