भोपाल में चातुर्मास कर रहे आचार्य विद्यासागर जी महाराज का प्रताप ही है कि उनकी भक्ति में जज, आईएएस, आईपीएस समेत कई आला अफसर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रम गये हैं। उनके दरबार में न कोई छोटा है और न कोई बड़ा। उनके यहां सभी एक समान है। इन सभी आला अधिकारियों की बस एक ही तमन्ना है कि आचार्यश्री के चरण उनके लगाये चौके में पड़ जाएं। यानी उनके आंगन में आकर आहार ग्रहण कर लें। आमतौर पर अतिव्यस्ततापूर्ण जीवन जीने वाले आला अधिकारियों की इन दिनों दिनचर्या ही बदल गयी है।
आचार्यश्री के आहर हेतु चौके लगाने वालों में आदिम जाति कल्याण विभाग के आयुक्त और मध्य प्रदेश दुग्धसंघ के आयुक्त शोभित जैन, आईएएस निलय जैन, डीआईजी जेल लखनऊ, राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के एसई ऋषभ जैन, आईजी प्रशासन मलय जैन, एएसपी संदेश जैन, डिप्टी कनिश्नर स्वच्छता मिशन सुधीर जैन, वैशाली जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश जैन, पूर्व जिला जज देवेंद्र जैन सहित 150 से ज्यादा प्रशासनिक अधिकारी इन दिनों आचार्यश्री की भक्ति में लीन हैं। इन दिनों चौका लगाने वाले 200 परिवारों की दिनचर्या ही बदल गयी है। ये सुबह 05.00 बजे उठकर चौका के लिए शुद्ध सामग्री जुटाने में लग ताते हैं। बस उनकी एक तमन्ना है कि आचार्यश्री उनके चौके में आहार लेने जरूर आएंगे।
इस समय प्रत्येक दिन लगभग 200 चौके लग रहे हैं। नगर के कई छात्रावासों में चौके लगाने की व्यवस्था की गयी है, जिसमें लगभग डेढ़ हजार महिला-पुरुष शुद्ध वस्त्र धारण कर आचार्यश्री की प्रतीक्षा करते हैं। आचार्यश्री ने नमक, शक्कर, हरी सब्जी, दही, सूखे मेवा, दूध, घी, तेल आदि वस्तुओं का आजीवन त्याग कर रखा है। उनके आहार में उबली हुई दाल और बिना घी की रोटियां होती हैं। जैन आचार्यश्री आहार लेने से पूर्व मंदिर में जिनेंद्र देव के सामने मन में प्रतिज्ञा धारण कर आहार हेतु निकल पड़ते हैं और धारित प्रतिज्ञा पूरी होने और 32 तरह के अंतराय को टटोलने के बाद ही आहार ग्रहण करते हैं। मुनि/आचार्यश्री को आहार कराने हेतु श्रावक को नवधा भक्ति यानी 9 तरह की भक्ति करनी होती है, इसके बाद ही वह आहार हेतु अपनी अंजुली खोलते हैं।