जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जन्मभूमि कुंडलपुर जी (नालंदा, बिहार) में प्रसिद्ध योग गुरू बाबा रामदेव जी का आगमन हुआ।
श्री कुंडलपुर जी दिगम्बर जैन तीर्थ के पदाधिकारियों ने योग ऋषि बाबा रामदेव का भव्य स्वागत किया ।
बाबा रामदेव ने पहले भगवान महावीर स्वामी प्रतिमा के समक्ष दर्शन व मंगल आरती किया , स्वस्ति श्री रविंद्रकीर्ती स्वामी जी ने तिलक लगाकर उनका अभिवादन किया।
नद्यावर्त महल जैन तीर्थ में अध्यक्ष स्वस्ति श्री रविंद्रकीर्ती स्वामी जी , नद्यावर्त तीर्थ मंत्री विजय कुमार जैन, प्राचीन जैन तीर्थ कुंडलपुर क्षेत्र प्रबंधक जगदीश जैन आदि लोगों ने मंच पर भव्य तरीके से माला, उपहार, भगवान महावीर प्रतीक चिंह्, मोमेंटो आदि भेंट कर बाबा रामदेव जी का स्वागत किया ।
स्वस्ति श्री रविंद्रकीर्ती जी ने कहा कि भगवान महावीर ने प्रथम उपदेश राजगृह जी में ही सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह , ब्रह्मचर्य का संदेश पूरे संसार को बांटा ।
मैं जन्म से ही जैनी हूँ – बाबा रामदेव
इस बीच बाबा रामदेव ने कहा कि मैं जन्म से ही जैनी हूँ, मैं भी लहसून-प्याज तक का सेवन नहीं करता हूँ, भगवान महावीर के बताये मार्ग पर हमने लाखों – करोड़ों लोगों का मांसाहार त्याग करवाया ।
यह कुंडलपुर (नालंदा) विश्वशांति का तीर्थ है , ये पुण्यधरा तीर्थ लाखों – करोड़ों लोगों को आस्था से जोड़ती हैं।
मैं सर्वोच्च जैन आर्यिका ज्ञानमति माता जी को कृतज्ञ प्रणाम करता हूँ कि उनका मंगल आर्शीवाद मुझे प्राप्त हुआ है।
उक्त बातें बाबा रामदेव ने कुंडलपुर दिगम्बर जैन तीर्थ में अपने संबोधन में कहा और वो इस पुण्यधरा का दर्शन करना चाहते थे , आज वो इस पावन तीर्थ पर पधार कर बेहद ही सौभाग्यशाली और बेहद ही प्रसन्न हुए।
बता दें कि कुंडलपुर जैन तीर्थ की संरचना और खूबसूरत वादियों को देखकर बहुत ही अभिभूत हुयें ।
- प्रवीण जैन