ग्वालियर के सीपी कालोनी स्थित जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्र संत मुनिश्री विहर्ष सागर जी महाराज ने कहा कि यदि सुख की कामना करते हो तो उसके लिए धन-दौलन की जरूरत नहीं है। धन-दौलत तो क्षणिक सुख देती है किंतु हमेशा सुखी रहना चाहते हो तो अपने माता-पिता की सेवा करो और फिर देखो कि तुम किसने सुखी और शांत महसूस कर रहे हो। जीवन में सुख का प्रारम्भ मां-बाप की सेवा से ही होता है। मुनिश्री ने कहा कि बुजुगरे की सेवा और आशीर्वाद से ही जीवन में सफल का आगाज होता है। उन्होंने कहा कि धन-दौलत को कोई भी कमा सकता है किंतु धन-दौलत से सुख को कतई नहीं खरीद सकते। अभिमान मनुष्य को आगे बढ़ने से रोकता है। जीवन में हमेशा सरल और सहज बनो क्योंकि सतकर्म करने से जीवन में आनंदमय होता है और गलत कार्य करने से जीवन में अशांति बनी रहती है और अशांति ही दुख का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी देना चाहिए। कार्यक्रम के शुरूआत में मुनिश्री के चरणों में जैन मिलन के अध्यक्ष शरद जैन, सचिव ललित जैन, राजीव जैन, पदम जैन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डा. दर्शन सिंह ने मुनिश्री को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद लिया।