श्री दिगम्बर जैन मंदिर, गुड़गांव में पंचकल्याणक के दूसरे दिन हुआ गर्भ कल्याणक का भव्यता से मंचन


श्री दिगम्बर जैन बारादरी, गुड़गांव में श्री 1008 मज्जिनेंद्र पंचकल्याणम प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन पूरी भव्यता के साथ चल रहा है। पंचकल्याणक के दूसरे दिन गर्भ कल्याणक की पूजा एवं मंचन पूरे विधान से किया गया। दोपहर में शुद्धि, गर्भ कल्याणक पूजन किया गया। भगवान के पिता राजा नाभिराय और माता मरुदेवी की गोद भराई के लिए बैंड-बाजों के साथ कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया और उसके बाद गर्भ कल्याणक का मंचन भव्यता के साथ मंच कर किया गया। मंचन में महाराजा नाभिराय का दरबार, स्वप्न फल वर्णन, कुमारिकाओं द्वारा तत्व चर्चा, 25 कुमारियों द्वारा मरुदेवी की सेवा आदि का चितण्रबखूबी किया गया। गर्भ कल्याणक के बारे में उपाध्याय श्री 108 गुप्तिसागर जी महाराज ने बताया कि जन्म से पहले जब भगवान का जीव माता के गर्भ में आता है तो माता को सोलह स्वप्न दिखाई देते हैं। स्वप्न देखने के बादमाता मरुदेवी इनका अर्थ जानने के लिए महाराज नाभिराय के दरबार में पहुंच जाती हैं। महाराज नाभिराय ने एक-एक कर सोलह स्वप्नों का पूरा वर्णन रानी से सुना और बताया कि आपके गर्भ में तीर्थकर प्रभु ने प्रवेश किया है। इसके बाद भगवान के गर्भ में प्रवेश करते ही छप्पन कुमारियां माता मरुदेवी की सेवा करने आकाश मार्ग से आ जाती है। इस समस्त चितण्रको जन समुदाय को समझाने के लिए गर्भ कल्याणक का चितण्रकिया जाता है। इस अवसर पर ब्रह्मचारिणी सुमर रंजना दीदी ने संस्कारों के महत्व पर प्रवचन दिये। कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य पंडित सुथीर जी ने मंत्रों द्वारा सौधमेंद्र इंद्र रवि जैन, धनपति कुबेर सुरेंद्र जैन, महायज्ञनायक रविन जैन की स्थापना की गयी। जैन समाज के अध्यक्ष नरेश जैन एवं महासचिव अशोक जैन ने बताया कि गर्भकल्याण कार्यक्रम से भगवान के सभी जन्म, तप, मोक्ष कल्याण की तरफ धीरे-धीरे बढ़ते चले जाएंगे। इस अवसर पर उप प्रधान विरेंद्र जैन (बिन्नू), मंत्री अवनीश कुमार जैन, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र जैन, कार्यालय अध्यक्ष पुष्प चंद्र जैन, मुनि सेवा समिति के अध्यक्ष देवेंद्र जैन, महामंत्री मुनेश जैन, नरेशन जैन आदि लोगों का विशेष सहयोग रहा।


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