सरकार के नीलगाय हत्या के निर्णय को बताया दुखद, प्रधानमंत्री को भेजा संदेश


अलवर, वरिष्ठ बीजेपी नेता जीतमल जैन ने नीलगाय की हत्या करने के सरकार के निर्णय के विरोध में देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि जो धर्म मुकुट पूरी शान से सिर पर होना चाहिए, वह कुछ संवेदनहीन हो चुके कुछ नेताओं के पांवों में पड़ा है और वे इसे अपने पैरों से ठोकर मार रहे हैं। सत्ता एवं पद के अहंकार रूपी कांटों का ताज उनके सिर पर रखा है किंतु उससे संस्कृति एवं संस्कार. सभ्यता, इंसानियत, करुणा, दया एवं मानवता की रक्षा नहीं हो सकती।

उन्होंने यह भी कहा कि क्या करुणाशील जनता को भाजपा जैसी सरकार के शासन में इस बात के लिए आंदोलन करना पड़ेगा कि किसी भी मूक प्राणी की हत्या न की जाए। श्री जैन ने प्रधानमंत्री से अपील की कि 29 अगस्त को अपनी प्रस्तावित उदयपुर यात्रा के दौरान इन बेजुवान प्राणियों (नील गाय) को जीवनदान देने की ऐतिहासिक घोषणा कर देश की संस्कृति की रक्षा करें। भाजपा के जैन नेता ने गहरी पीड़ा ब्यक्त की है कि राजस्थान सरकार ने भारी जन-विरोध एवं कई जैन संत-साधुओं की अपील को ताक पर रख नील गाय की हत्या के लिए नया कानून बना दिया है।

भाजपा अन्य राष्ट्रीय दलों से अलग देश की संस्कृति एवं सामाजिक विचारधारा की पार्टी है और उसी और उसी पार्टी ने नील गायों की हत्या करवाने पर उतारू हो, यह बहुत ही लज्जापूर्ण एवं दुखद है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्राणी चाहे वह नील गाय हो या फिर अन्य कोई वन्य प्राणी किसी भी समस्या का हल उनकी हत्या से हल नहीं हो सकता। अत: सरकार को नीलगाय की हत्या के निर्णय को वापस ले अहिंसकपूर्ण तरीके से इसका हल ढूंढ़ना चाहिए।


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