सागर। यहां राेज प्रवचन हाे रहा है। शंका-समाधान हाे रहा है। आप लाेग भारी तादाद में आ रहे हैं। मैं देख रहा हूं अलग-अलग तरह के दिशा-निर्देश जारी हाे रहे हैं। मैं भी चाहता हूं शासन-प्रशासन काे काेई परेशानी न हाे। राष्ट्रहित और आपकी सेहत में सब अच्छा हाे। इसलिए मैं सलाह दूंगा। थाेड़े दिन सप्लाई का पानी पी लाे। कार्यक्रम यहां हाेगा, शंका-समाधान भी यहां हाेगा। लेकिन आप सबकाे पता है हमारा कार्यक्रम लाइव हाेता है। एसे में आप घर बैठे भी लाइव सुन सकते हैं। यहां आएं भी ताे सुरक्षा के बताए गए उपाय अपनाएं। वैसे भी जहां मंगल का भाव हाेता है, वहां काेराेना का राेना नहीं हाे सकता।
यह बात मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में शंका-समाधान कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि आज लोग बुराई देखते हैं। बुराई करते हैं और बुराई फैलाते हैं। बुराई देखे ही नहीं तभी अच्छाई को फैला सकते हैं। अच्छाई में बुराई फैलाने वालों की भरमार है।
बुराई करने वालों को खुद की बुराई नहीं दिखती हम क्या देखते हैं। यह हम पर निर्भर करता है। जब आपकी फोटो बहुत अच्छी है लेकिन यदि आपके भीतर के एक्सरे देखो तो सबके खराब निकलेंगे। अच्छा देखना एक साधारण प्रयास है। अच्छा देखने का हमेशा अच्छा पुरुषार्थ होता है इसके लिए हमें अपना नजरिया बदलना होगा। यह हम पर निर्भर करता है। कि सोच हमारी अच्छी हो तो बुराई में भी अच्छाई दिखने लगेगी और यदि सोच बुरी हो तो अच्छाई में भी बुराई दिखेगी। मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा आप अपने को किस रूप में देखना चाहते हैं? हर व्यक्ति अपनी इमेज बनाना चाहता है।
अच्छा देखना चाहता है हर कोई मंदिर जाने के पहले दर्पण में अपने दर्शन करता है उसके बाद फिर जाकर भगवान के दर्शन करता है। अच्छा दिखने की कोशिश हर कोई करता है।
— अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी